गिरिडीहः नक्सली को मारने के लिए पहुंच गए 500 आदिवासी फिर सात लोगों को जिंदा जलाने का किया प्रयास
गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित पिपरा टांड़ गांव में शनिवार को पुलिस की चौकसी ने बड़ी घटना होने से बचा लिया। शनिवार को तड़के करीब छह बजे पांच सौ से आदिवासी, जो कि तीर-धनुष से लैस होकर सुरेश मरांडी नाम ने नक्सली का घेराव कर लिया। साथ ही उसके सात पुरुष रिश्तेदारों को उनके घरों में बंद कर आग लगा दी। परिवार की महिलाओं की भी पिटाई की।
वारदात की सूचना पाकर पीरटांड़ थाना प्रभारी अशोक प्रसाद सैक जवानों के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने दस राउंड फायरिंग कर उग्र लोगों को खदेड़ा। इसके बाद सभी सात लोगों को जिंदा जलाने से बचाया जा सका। दरअसल, पिपरा टांड में सात दिन पहले एक आदिवासी युवक की हत्या कर दी गई थी। इसी हत्या का बदला लेने के लिए शनिवार की सुबह नक्सली सुरेश मरांडी और उसके परिवार के लोगों को आदिवासियों ने घेर लिया।
भीड़ इतनी उग्र थी कि पुलिस जब सात लोगों को बचाकर वज्रवाहन में बिठाने की कोशिश की तो विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ ने पुलिस से सातों को छुड़ाने की कोशिश की। पुलिस ने काफी संयम से काम लिया। इस दौरान बारिश के बीच डीसी राहुल कुमार सिन्हा एवं एसपी सुरेंद्र कुमार झा बाइक से घटनास्थल पहुंच गए।
जिला मुख्यालय से बड़ी संख्या में पुलिस बल को घटनास्थल पर बुला लिया गया। पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हमलावर ग्रामीण भी मौके पर डटे हुए हैं। सात दिन पूर्व इसी गांव के एक आदिवासी युवक की हत्या हुई थी जिसमें सुरेश मरांडी को आरोपित किया गया था।
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