Birsa Kisan Yojana: झारखंड में इस योजना से सशक्त और समृद्ध हो रहा किसान
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार 'बिरसा किसान योजना' के नाम से एक लोकप्रिय स्कीम चला रही है, जिसका फायदा अबतक लाखों किसान उठा चुके हैं। किसानों की बेहतरी के इरादे से शुरू किया गया यह एक अनोखा प्रोजेक्ट है। इस स्कीम के तहत राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी किसानों को बारकोड वाला एक यूनिक आईडी कार्ड दिए जाने की व्यवस्था है। योजना का लक्ष्य ये है कि इस यूनिक आईडी की मदद से राज्य के किसान बिना किसी बिचौलिये के राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। यह पहल किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को कम करने के इरादे भी शुरू किया गया है। यह योजना झारखंड के किसानों को सिर्फ सशक्त ही नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें समृद्धि की ओर भी ले जा रहा है।
'बिरसा किसान योजना' की मुख्य विशेषताएं
- किसानों के रजिस्ट्रेशन के बाद एक यूनिक कार्ड जारी करने की व्यवस्था
- जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उनके पास आधार कार्ड होना चाहिए
- किसान के एक बैंक खाता को एक मोबाइल फोन नंबर से लिंक किए जाने की व्यवस्था
- एक बैंक खाते से ही 'डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर' (DBT) की सुविधा उपलब्ध
- किसानों का रजिस्ट्रेशन प्रज्ञा केंद्र में होने की व्यवस्था। किसान अपने आधार कार्ड की मदद केवाईसी भी कर सकते हैं।
- पंजीकरण के समय किसानों का अपनी भूमि की पूरी जानकारी देनी होगी।
बिरसा
किसान
यूनिक
आईडी
कार्ड
बिरसा
किसान
यूनिक
आईडी
कार्ड
सिर्फ
झारखंड
में
काम
करेगा
और
यह
सिर्फ
झारखंड
सरकार
की
योजनाओं
के
लिए
है।
जिला
कृषि
विभाग
के
अधिकारी
यूनिक
कोड
का
इस्तेमाल
विभिन्न
सरकारी
योजनाओं
का
लाभ
देने
के
लिए
कर
सकते
हैं,
जैसे
कि
बीज
और
खेती
से
जुड़े
उपकरणों
के
संबंध
में
जानकारी।
सरकार
को
भी
इसके
जरिए
लाभांवित
किसानों
से
जुड़े
डेटा
मेंटेन
करने
में
सहायता
मिलती
है।
'बिरसा
किसान
योजना'
का
लाभ
'बिरसा
किसान
योजना'
के
तहत
किसानों
को
खेती
से
जुड़ी
ट्रेनिंग
दिए
जाने
की
व्यवस्था
है।
इसकी
सहायता
से
किसानों
को
खेती
की
नई
तकनीक
और
उपकरणों
के
इस्तेमाल
के
बारे
में
सीखने
का
अवसर
मिलता
है।
सबसे
बड़ा
फायदा
ये
है
कि
इस
योजना
के
तहत
किसान
कृषि
लोन
भी
ले
सकते
हैं।
यह योजना विशेष तौर पर गरीबी रेखा से नीचे या गरीब किसानों के लिए फायदेमंद है। इस कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि किसानों को धोखा देकर किसी बिचौलिये ने इसका दुरपयोग करने की कोशिश की तो उसका आसानी से पता चल सकता है। इसी योजना से जुड़ा हुआ झारखंड में एक किसान क्रेडिट कार्ड योजना भी है, जिसके तहत करीब डेढ़ महीने पहले तक सवा लाख किसान 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा ऋण से लाभांवित हो चुके थे। (तस्वीर-फाइल)