लड़के से मिलने के लिए पहुंची लड़की तो उसने अपने 8 दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड गैंगरेप के आरोप में पुलिस ने एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मेडिकल जांच के बाद पकड़े गए युवक को मंडल कारा लोहरदगा भेज दिया। जिन आरोपितों को अब तक गिरफ्तार किया चुका है, उसमें चंद्रशेखर उरांव, शिवेंद्र उरांव, जयजीत उरांव, विशाल भगत, अमित उरांव, संजय उरांव, बंधु उरांव शामिल है। लोहरदगा की पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा के आदेशानुसार भंडरा थाना प्रभारी प्रभारी संत कुमार राय और पुलिस निरीक्षक अवधेश कुमार ने छापामारी कर भंडरा थाना क्षेत्र अंतर्गत जमगई मे गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाला अपराधियों में से आठ अपराधियों को पुलिस द्वारा 12 घंटे के अंदर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
9 लोगों ने किया गैंगरेप
बता दें कि 22 सितंबर को रांची से करीब 50 किलोमीटर दूर लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड अंतर्गत इलाके में हैवानियत की हद पार करते हुए नौ युवकों ने नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद 16 वर्षीय पीड़िता ने भंडरा थाना में मामला दर्ज कराया। मामले दर्ज होने के बाद लोहरदगा की पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा ने इसे गंभीरता से लिया। तत्काल इंस्पेक्टर अवधेश कुमार और थाना प्रभारी संत कुमार राय की अगुवाई में टीम बनाकर छापामारी कर आदेश दिया। पुलिस की टीम रातभर छापेमारी करती रही।
परिचित लड़के ने मिलने के लिए बुलाया था
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुमला जिले के भरनो प्रखंड की एक स्कूली छात्रा को जमगांई के एक परिचित लड़के ने उसे गांव बुलाया था। वह 20 सितंबर को देर शाम दरिया टोली पहुंची थी। रात में लड़के ने विश्वासघात किया। फिर अपने 8 साथियों को बुलाकर किशोरी के साथ गैंगरेप किया। वारदात के बाद आधी रात को पीड़िता जैसे-तैसे गांव के एक घर के पास पहुंच कर दरवाजा खटखटाया।
गांव में परिवार ने की मदद
दरवाजा खोलने के बाद परिवार के लोगों ने पीड़िता को बचाया। किशोरी ने घटना की सूचना परिजनों को दी। पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा ने मामले को गंभीरता से लिया। तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए। वह पल-पल की जानकारी ले रही थी। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आठ विशेष टीम का गठन किया था।
12 घंटे के भीतर 8 को किया गिरफ्तार
एफआईआर के 12 घंटे के अंदर- अंदर आठ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी टाइगर उरांव के साथ चंद्रशेखर उरांव, शिवेंद्र उरांव, जयजीत उरांव, विशाल भगत, अमित उरांव, संजय उरांव, शिवेंद्र उरांव (एक) को इंस्पेक्टर अवधेश कुमार और थाना प्रभारी संत कुमार राय की अगुवाई वाली टीम ने गिरफ्तार किया।
मदद करने वाले परिवार को गांव के लोगों ने दी धमकी
जानकारी के मुताबिक पीड़िता को बचाने वाले परिवार के लोगों को गांव वाले 22 सितंबर को धमकी दे रहे थे, कि उसे क्यों बचाया। वह भागती, वह स्वयं समझती। तुमने दरवाजा क्यों खोला। इसके बाद गांव में पंचायती की गई। बैठक चल ही रहा था, कि पुलिस वहां पहुंची। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया कि इसकी कोई गलती नहीं है। इसने तो मानवता और एक पीड़ित बेटी को बचाने का काम किया है। इसे कुछ भी जो करेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने पंचायत को समझाया
इस बैठक में ग्रामीणों के अलावा पंचायत के मुखिया के पति भी उपस्थित थे। जब पुलिस के बोलने के बावजूद कोई भी आरोपी के बारे में नहीं बताया, तो पुलिस को अनाउंसमेंट करना पड़ा, कि जो आरोपी है, आगे आकर अपने को पुलिस के हवाले करें। अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद तीन युवक सामने आकर अपना दोष कबूल किया। इन तीनों को पुलिस गिरफ्तार कर ली।