UP MLC Election Results: झांसी सीट पर सपा के मान सिंह यादव ने मारी बाजी, तोड़ा बीजेपी का 24 साल पुराना वर्चस्व
झांसी। इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक सीट पर लंबी जद्दोजहद के बाद चुनाव का परिणाम सामने आ गया है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी के डॉ. मान सिंह यादव काबिज हो गए है। हालांकि, इस सीट पर पिछले 24 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है। तो वहीं, पिछले दो दशकों से यह सीट भाजपा के प्रत्याशी यज्ञदत्त शर्मा के पास थी। इस बार हुए खंड स्नातक चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने भाजपा के प्रत्याशी यज्ञदत्त शर्मा को 4333 वोट के लंबे अंतराल से हरा दिया और इस सीट पर काबिज हो गए है। बता दें कि 3 दिसंबर को शुरू हुई मतगणना की प्रक्रिया 4 दिसंबर की रात 11 बजे के आसपास समाप्त हुई।

डॉ. मान सिंह यादव की जीत की घोषणा होते ही सपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्हें मालाओं से लाद दिया गया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई। इस दौरान डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि वह शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा पहले भी उनकी सरकार ने यह कोशिश की थी। डॉ. सिंह ने कहा यह सपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं की जीत है, वह सबके लिए समर्पण भाव से काम करेंगे।
पुलिस से भिड़े भाजपाई
इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक सीट के लिए हुई मतगणना प्रक्रिया में पहली बार काफी रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। तो वहीं, शुक्रवार को दोपहर बाद जैसे ही द्वतीय वरीयता की गिनती शुरू हुई और सपा आगे निकली तो भाजपाइयों से हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा नेताओं ने मुख्य द्वार से मतगणना स्थल में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हे अंदर जाने से रोक दिया। जबरन घुसने की कोशिश की तो पुलिस व भाजपा नेताओं के बीच तीखी झड़प और धक्का-मुक्की हो गई। आक्रोशित भाजपाईयों के हंगामें के बीच एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी धक्का-मुक्की के बीच फंस कर गिर पड़े, पुलिस वालों ने उन्हें उठाया।
आरओ ने दिया प्रमाण पत्र
वहीं खंड स्नातक की मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के बाद जिले और मंडल के अफसरों ने राहत की सांस ली है। इस सीट पर आरओ बनाए गए झांसी मंडल के कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा का कहना है कि जिले और मंडल के अफसरों के सामूहिक सहयोग और प्रयोग के बाद निर्वाचन की प्रक्रिया को सकुशल संपन्न कराया गया है। निर्वाचन आयोग की तरफ से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मान सिंह यादव को इस सीट पर विजेता प्रत्याशी घोषित करने के बाद उसको प्रमाण पत्र भी आरओ ने मौके पर ही दिया।