जौनपुर: पुलिसकर्मियों ने लड़कियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
जौनपुर। 30 अगस्त को जौनपुर जिले के नेवढ़िया गांव में लॉकडाउन के दौरान मांस की दुकान बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर हमला करने के मामले में नया मोड आ गया है। घटना के दिन एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी लड़कियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटते दिखाई दे रहे हैं। जबकि पुलिस ने इस मामले में लड़कियों और उनके परिवार पर ही पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया है। अब वायरल वीडियो से पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि वन इंडिया वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जौनपुल जिले की सीतमसराय चौकी अंतर्गत गुतवन मार्ग पर 30 अगस्त को गुड्डू सोनकर के परिवार के साथ पुलिस वालों का विवाद हुआ था। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिभुवन सिंह ने बताया कि गुड्डू सोनकर का परिवार अवैध रूप से मांस की बिक्री करता था। रविवार को टोटल लॉकडाउन और मोहर्रम के कारण दुकान खोलने से मना किया गया। इसके बाद भी इलाके में कई दुकाने खुली हुई थी। जिन्हें पुलिस ने बंद करा दिया था। जब पुलिसकर्मी गुड्डू सोनकर की दुकान बंद कराने पहुंचे तो उन पर ही हमला कर दिया गया। तो वहीं, पीड़ित परिवार के अनुसार लॉकडाउन में उनकी मांस की दुकान खोलने के एवज में पुलिस ने एक हजार रुपए हफ्ता देने को कहा था।
परिवार ने कुछ हफ्ते रुपए दिए लेकिन बिक्री नहीं होने से पिछले कुछ हफ्तों से रुपए देने बंद कर दिए। इस पर पुलिस वालों ने लगातार रुपयों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसी बीच 30 अगस्त को टोटल लॉकडाउन के दौरान भी दुकान खुली देख पुलिस वाले पहुंचे और दुकान बंद करने को कहा। परिवार वाले अभी दुकान बंद ही कर रहे थे कि पुलिस वालों ने गाली गलौच शुरू कर दी। विरोध करने पर पीटना शुरू कर दिया। परिवार की लड़कियों को भी दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। इस दौरान सोशल मीडिया पर लड़कियों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर मामला गरमा गया है।
डीएम
से
भी
लगाई
गुहार
खबर
के
मुताबिक,
दलित
परिवार
पर
टूटे
पुलिसिया
कहर
का
वीडियो
वायरल
होने
के
बाद
पीड़ित
परिवार
के
साथ
ग्रामीण
जिलाधिकारी
से
मिलने
पहुंचे।
डीएम
से
दलित
परिवार
को
न्याय
दिलाने
की
गुहार
लगाई।
तो
वहीं,
जिलाधिकारी
ने
जांच
का
भरोसा
दिया।
पुलिस
अधीक्षक
ने
एएसपी
ग्रामीण
और
एडीएम
फाइनेंस
से
जांच
कराने
की
बात
कही
है।
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