प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के हजारों फॉर्म कूड़े में पड़े मिले, विभाग में हड़कंप
जौनपुर। बीते दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुइथाकलां में कूड़ेदान में मिले आयुष्मान कार्ड को शासन ने सरकार के दावों की पोल खोल दी थी। जिसे गंभीरता से भी लिया था। वनइंडिया की खबर को संज्ञान में लेते हुए शनिवार को कर्तव्यों में लापरवाही के लिए प्रभारी चिकिताधिकारी डॉ. जैसलाल को भी निलंबित कर दिया था। लाभार्थियों को बांटने के लिए आए कार्ड में से सैकड़ों कार्ड वितरित ही नहीं किए गए थे। हद तो तब हो गई जब अस्पताल परिसर में आयुष्मान भारत के कार्ड कूड़ेदान में फेंके मिले।
सबसे पहले वनइंडिया पर चली खबर के बाद प्रशासन हरकत में आ गया था। वहीं अब जिले के मछलीशहर क्षेत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के हजारों फॉर्म कूड़े में मिलने से किसानों में खलबली मच गई है। ऐसे में किसानों को योजना का लाभ तहसील अधिकारियों व कर्मचारियों की निष्क्रियता के कारण मिलना संभव नहीं लग रहा है। सूचना मिलने पर एसडीएम भी सकते में हैं। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना लागू होने से पहले तहसील क्षेत्र के लाखों की संख्या में किसानों ने किसान सम्मान निधि के फॉर्म भरकर आवश्यक प्रपत्र सम्बंधित लेखपालों के पास जमा किया। लेखपाल फॉर्म हस्ताक्षर कर रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में कम्पूटर में फीडिंग के लिये जमा कर दिये।
तत्कालीन तहसील प्रशासन का कहना था कि वेबसाइट बन्द होने से पहले सभी जमा फार्मों की फीडिंग हो चुकी है। चुनाव के बाद पूर्व में फॉर्म जमा किये गये किसानों के खाते में पैसा नहीं आया तो तहसील व संबंधित लेखपालों के चक्कर काटने लगे तो लेखापाल उनको संतुष्ट करने के लिये रिसिविंग की प्रति भी दिखाई। आशंकावश किसान व अधिवक्ता जांच पड़ताल शुरू किये तो खतौनी कम्प्यूटर रूम व रजिस्ट्रार कार्यालय में लगभग 20 हजार फॉर्म कूड़े में फेंके मिले। जिसकी फीडिंग अभी तक नहीं हुई थी। जब इसकी शिकायत नायब तहसीलदार कृष्ण राज सिंह से की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया। जब इस बावत उपजिलाधिकारी मंगलेश दूबे से पूछा गया तो आश्चर्यचकित हो गये और कहा कि इसकी जांच की जायेगी। यदि किसी फॉर्म की फीडिंग नहीं हो पाई है तो कराई जायेगी। कर्मचारियों की निष्क्रियता चर्चा का विषय बनी है। वहीं कुछ लेखापाल अपने फॉर्म खोजने के लिये कम्प्यूटर कक्ष की तलाशी शुरू कर दिये हैं।
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