गैर स्थानीय मजदूरों को पुलिस और आर्मी कैंप में शिफ्ट करने की खबर फर्जी है: IGP
श्रीनगर, 18 अक्टूबर: कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने लगातार दूसरे दिन गैर कश्मीरियों पर हमले करते हुए दो बिहार के निवासियों की हत्या कर दी। तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है। इसके बाद मीडिया में खबरें आई थी कि, गैर स्थानीय मजदूरों को पुलिस लाइन और आर्मी कैंप में शिफ्ट किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन अब इस मामले पर जम्मू कश्मीर पुलिस की ओऱ से प्रतिक्रिया आई है। पुलिस ने इस एडवाइजरी को फर्जी बताया है।
कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने उस एडवाइजरी को फर्जी बताया है जिसमें घाटी में खौफ के नाम पर दूसरे राज्यों के लोगों के पुलिस और सेना कैंप में जाने की सलाह दी गई है। आईजी ने एक ट्वीट जारी करके स्थिति स्पष्ट की है। बता दें कि न्यूज एजेंसी पीटीआई ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस और सेना के कैंपों में जल्द लाने का आदेश दिया है। हालांकि, देर रात कश्मीर पुलिस ने इस पत्र के बारे में कहा कि यह फर्जी है और ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है।
दक्षिणी कश्मीर में रविवार को दूसरे दिन भी आतंकियों ने टारगेट किलिंग करते हुए दो और मजदूरों को मार डाला। एक अन्य घायल है। सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं। आतंकियों ने 24 घंटे में दूसरी टारगेट किलिंग की वारदात को अंजाम दिया है। एक दिन पहले आतंकियों ने श्रीनगर में बिहार निवासी गोलगप्पे वाले अरविंद कुमार साह व उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी सगीर की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि मारे गए मजदूरों की शिनाख्त राजा रेशी देव व जोगिंदर रेशी के रूप में हुई है। तीसरे घायल चुनचुन रेशी दास का जीएमसी अनंतनाग में इलाज चल रहा है। बिहार के कई मजदूर कुलगाम के वानपोह इलाके में किराए के कमरे में रहते हैं। घटना की जानकारी लगते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया है। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों की मदद करने का एलान किया। उन्होंने देर शाम जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात भी की और बिहार के लोगों की हो रही हत्या पर चिंता व्यक्त की।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी हासिल की। साथ ही पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि, देर रात तक आतंकियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। जम्मू-कश्मीर में बिहार के तीन मजदूरों पर रविवार को किए गए आतंकी हमले की सभी सियासी दलों ने कड़ी निंदा की है। पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, निर्दोष नागरिकों पर बार-बार होने वाले बर्बर हमलों की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। मेरी संवेदना उनके परिवारों के लिए है क्योंकि वे सम्मानजनक आजीविका कमाने के लिए अपने घरों निकले हुए हैं। बहुत दुख की बात है।
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नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह कश्मीरियों को बदनाम करने की साजिश है। निर्देशों की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में लोगों की हत्या की हालिया घटनाओं में कश्मीरी संलिप्त नहीं हैं। ये हमले कश्मीरियों को बदनाम करने की साजिश के तहत किए गए।