राहुल भट्ट हत्याकांड: घाटी में 350 कश्मीरी पंडितों के सरकारी नौकरी से सामूहिक इस्तीफे का सरकार ने किया खंडन
नई दिल्ली, 13 मई: नई दिल्ली, 13 मई: कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद से घाटी में प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में शुक्रवार को कश्मीरी पंडित और सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतरे। घाटी में 350 कश्मीरी पंडितों के सरकारी नौकरी से सामूहिक इस्तीफे की खबर आई थी, जिसका सरकार ने खंडन किया है।

बताया जा रहा था कि घाटी में 350 कश्मीरी पंडितों ने सरकारी नौकरी से सामूहिक इस्तीफे दे दिया था। ये सभी कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारी हैं। कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि जब तक उनको उचित सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जाती, वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही उन्होंने लाल चौक पर प्रदर्शन का आह्वान किया था। सरकार ने सामूहिक इस्तीफे वाली खबर का खंडन कर दिया।
प्रशासन ने किया खंडन
बडगाम के उपायुक्त ने ट्वीट कर कहा कि प्रवासी कर्मचारियों द्वारा इस्तीफे की सोशल मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस्तीफा का ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। बता दें कि राहुल की हत्या के बाद से कश्मीरी पंडितों में काफी ज्यादा आक्रोश है, जिस वजह से ज्यादातर जिलों से प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं।
जम्मू
कश्मीर
में
सुरक्षाबलों
को
निशाना
बना
सकते
हैं
आतंकी,
खुफिया
विभाग
ने
जारी
किया
अलर्ट
शुक्रवार सुबह बडगाम में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया, जिस पर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े, इसके बाद कश्मीरी पंडितों ने जम्मू-अखनूर हाईवे जाम कर दिया। साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब सरकार और जम्मू-कश्मीर शासन की ओर से कश्मीरी पंडितों को कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, तो उन्होंने सामूहिक इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
परिवार से मिले उपराज्यपाल
वहीं दूसरी ओर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहुल भट्ट के परिजनों से मुलाकात की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। सरकार इस घड़ी में राहुल भट्ट के परिवार के साथ है। आतंकवादियों और उनके समर्थकों को उनके इस अपराध के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
बीजेपी
नेताओं
का
भी
विरोध
वहीं
बीजेपी
के
प्रदेश
अध्यक्ष
रविंदर
रैना
और
जम्मू-कश्मीर
के
पूर्व
डिप्टी
सीएम
कवींद्र
गुप्ता
राहुल
भट्ट
के
अंतिम
संस्कार
में
शामिल
होने
पहुंचे
थे।
वहां
पर
उनको
विरोध
का
सामना
करना
पड़ा।
कश्मीरी
पंडितों
ने
उनके
सामने
ही
पीएम
मोदी
और
गृहमंत्री
अमित
शाह
के
खिलाफ
नारेबाजी
की।
प्रदर्शन
को
देखते
हुए
कश्मीर
घाटी
में
सुरक्षा
बढ़ा
दी
गई
है।