आर्टिकल 370 पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- डाकू कोई चीज लूट ले तो वो उसकी नहीं हो जाती
आर्टिकल 370 पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- डाकू कोई चीज लूट ले तो वो उसकी नहीं हो जाती
श्रीनगर, 17 सितंबर: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने की मोदी सरकार के तरीके को उन्होंने एक डाकू के किसी के घर में डाका डालने जैसा बताया। उन्होंने कहा कि 370 और 35ए दोनों कश्मीर को वापस लेने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
महबूबा मुफ्ती ने राजौरी में कहा, आर्टिकल 370 और 35A कानूनी तरीके से नहीं गया। जायज तरीके से नहीं गया बल्कि नाजायज तरीके से गया। डाकू जो चीज लूटकर ले जाता है वो उसकी नहीं होती, उसे वापस लाना होता है। दुनिया में कोई चीज नामुमकिन नहीं है। हमें निराश नहीं होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि एक समय आएगा जब ना केवल 370 और अनुच्छेद 35ए को केंद्र सरकार बहाल करेगी बल्कि हम यह कहने के लिए मजबूर होगी कि उन्होंने गलत किया। उनको हमसे पूछना होगा कि हम जम्मू-कश्मीर के लिए और क्या चाहते हैं।
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर भी मोदी सरकार को घेरा
पीडीपी मुखिया ने बेरोजगारी और कमजोर होती आर्थिक स्थिति को लेकर भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, सरकार नौकरी देने की बजाय लोगों को नौकरी से निकाल रही है और उद्योग धंधे बंद कर रही है। प्रदेश में बहुत ज्यादा बेरोजगारी है। सड़कों की हालत भी बहुत खराब है। बिजली, पानी सहित हर चीज की दिक्कत है। रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का बुरा हाल है। लोगों को पेंशन नहीं मिल रही, इसमें हेराफेरी हो रही है। पहले 10 फीसदी भ्रष्टाचार था तो वो आज बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है।
2019 में खत्म किया गया था 370
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के लिए विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 खत्म कर दिया था। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा भी खत्म करते हुए सरकार ने इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। 5 अगस्त 2019 को जब इस संबंध में संसद में कानून लाया गया था तो महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला समेत जम्मू कश्मीर के ज्यादातर नेता नजरबंद कर दिए गए थे। राज्य में संचार की सभी सुविधाएं खत्म कर दी थीं और महीनों तक कर्फ्यू जैसी पाबंदियां जारी रही थीं। करीब एक साल बाद इन नेताओं को छोड़ा गया था, तब से लगातार कश्मीर के नेता 370 हटाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहे हैं।