Mudasir Ahmad Sheikh : पिता ने कहा - जानता था बेटा लौटेगा नहीं, आंसू न बहाओ, मुझे उसपर गर्व है
जम्मू-कश्मीर, 26 मई: सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद शेख के पिता अहमद शेख ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कभी वापस नहीं आएगा, लेकिन उसने आतंकवादियों को बेअसर करके सैकड़ों लोगों की जान बचाई। अहमद शेख ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से तीन दिन पहले आखिरी बार बात की थी।

मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद, बारामूला मुठभेड़ का हिस्सा थे। जिसमें मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा बनाए गए 'नाकों' में से एक पर हुई। उन्होंने बताया, ''बुधवार को पूरे कश्मीर में नाके थे। ऐसे ही एक नाके पर करेरी क्षेत्र के नजीभात चौराहे पर मौका मुआयना हुआ। तीन पाकिस्तानी जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी मारे गए।''

आतंकवादियों को मार गिराना एक बड़ी सफलता
उन्होंने कहा कि जहां पुलिस बल को नुकसान हुआ, वहीं तीन आतंकवादियों को मार गिराना एक बड़ी सफलता थी। "तीन आतंकवादी श्रीनगर आ सकते थे और हमले की योजना बना सकते थे।" उन्होंने कहा कि आतंकवादी गुलमर्ग के पहाड़ी इलाकों में पिछले तीन से चार महीने से सक्रिय थे। उन्होंने कहा, "हम उन्हें नियमित रूप से ट्रैक कर रहे थे।" कुमार ने बताया कि इस साल अब तक सुरक्षा बलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में 22 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए हैं।

पिता ने कहा - आंसू न बहाओ, मेरा बेटा शहीद हुआ है
झेलम किनारे स्थित बारामुला पुलिस लाइन में गमगीन माहौल के बीच तिरंगे में मुदासिर अहमद शेख का पार्थिव शरीर पहुंचा तो अहमद शेख बेटे को आखिरी नमन करने आगे बढ़े। उनके आंखों से आंसू बह रहे थे। वह ताबूत से लिपट गए। फिर उठे और आंसुओं को पोंछ फक्र से सीना चौड़ा कर पास खड़े जवानों से कहा, आंसू न बहाओ, मेरा बेटा शहीद हुआ है, उसने हजारों जिंदगियां बचाई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता था मेरा बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन मुझे उसपर गर्व है।