बिना पूरक ऑक्सीजन के दुनिया की चौथी ऊंची चोटी पर पहुंच गए रिग्जिन, ऐसा करने वाले पहले भारतीय
लेह। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों को फतह कर इस बार भारतीयों ने कई रिकॉर्ड्स बना डाले। लद्दाख के एक पर्वतारोही स्कालजांग रिग्जिन बिना पूरक ऑक्सीजन ही माउंट अन्नपूर्णा की चोटी पर चढ़ने में कामयाब रहे। इसे हिमालय की चौथी सबसे ऊंची पर्वत चोटी माना जाता है। अकेले रिग्जिन 16 दिन के भीतर 2 बार बिना पूरक ऑक्सीजन के 8 हजार मीटर से अधिक ऊंची चोटी फतह करने वाले पहले भारतीय हैं।

पीक प्रमोशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बाबू शेरपा ने उनके बारे में जानकारी दी। बाबू शेरपा के अनुसार, रिग्जिन ने शुक्रवार सुबह माउंट ल्होत्से (8,516 मीटर) की चोटी पर चढ़ाई की। माउंट एवरेस्ट, K-2 और कंचनजंगा के बाद 8,516 मीटर की दूरी पर ल्होत्से दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है। यह एवरेस्ट द्रव्यमान का हिस्सा तथा दक्षिणी हिमालय के शिखर से जुड़ा हुआ है।

ल्होत्से को 41 वर्षीय रिग्जिन ने पूरक ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना ही फतह किया। इसके अलावा इसी तरह अन्नपूर्णा पर्वत पर पहुंचने वाले भी वह पहले भारतीय पर्वतारोही हैं।

गुजरात के पति-पत्नी ने माउंट एवरेस्ट फतह कर पहला भारतीय चिकित्सक दंपति बनने का रिकॉर्ड बनाया
27 साल की लड़की ने 2 चोटियां की फतह
एक और कमाल हिमाचल प्रदेश के सोलन की रहने वाली 27 वर्षीय बलजीत कौर ने किया है। बलजीत ने नेपाल में 2 सप्ताह के भीतर 8,000 मीटर से ऊपर की 2 पर्वत चोटियों को फतह करने का रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला योगा टीचर हैं। वह वर्ष 2016 से दुनिया की सबसे उूंची चोटी माउंट एवरेस्ट के लिए ट्रेनिंग ले रही थीं। धीरे-धीरे उन्होंने 5 से 7 हजार मीटर उूंची बहुत सी चोटियां फतह कर लीं।