'किसानों की तरह बलिदान देकर वापस मिलेगा अनुच्छेद 370', श्रीनगर में बोले फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: किसानों के आगे झुकते हुए मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीनों नए कृषि कानून वापस ले लिए। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर के लोग वहां का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग पर अड़ गए हैं। रविवार को श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने घाटी के लोगों से बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। अब्दुल्ला के मुताबिक किसानों की तरह बलिदान देने के बाद ही अनुच्छेद 370 फिर से बहाल होगा।
श्रीनगर में पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एनसी की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं के बीच फारूक अब्दुल्ला भी पहुंचे। वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने हुए अब्दुल्ला ने कहा कि 11 महीने तक किसानों ने विरोध किया। इस दौरान 700 से ज्यादा किसानों ने बलिदान दिया, इसके बाद केंद्र को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि हमें भी अपने अधिकार वापस पाने के लिए इसी तरह की कुर्बानी देनी पड़ सकती है।
अब्दुल्ला ने कहा कि ये याद रखें, हमने अनुच्छेद 370, 35-ए और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस पाने का वादा किया है, ऐसे में हम भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाया था। साथ ही इस मुद्दे पर कांग्रेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
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शाह
ने
कही
ये
बात
वहीं
दूसरी
ओर
यूपी
के
दौरे
पर
आए
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
शनिवार
को
कहा
कि
अनुच्छेद
370
हटने
के
बाद
से
घाटी
शांति,
निवेश
और
पर्यटकों
में
इजाफा
हुआ
है।
साथ
ही
जो
विकास
इस
वक्त
वहां
पर
हो
रहा
है,
वो
पहले
नहीं
हुआ।
जन
कल्याण
की
योजनाओं
का
लाभ
वहां
के
लोगों
तक
पहुंचाने
में
जम्मू
कश्मीर
आज
अच्छा
प्रदर्शन
कर
रहा
है।
वहीं
कृषि
कानून
वापस
होते
ही
बीजेपी
नेताओं
ने
साफ
कर
दिया
था
कि
सरकार
विरोधी
लोग
अनुच्छेद
370
और
सीएए
के
लिए
ऐसी
अपेक्षा
ना
करें।