अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 2 साल पूरे: उमर अब्दुल्ला बोले-'निराश था पर नेता को शोक मनाने का अधिकार नहीं है'
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 2 साल पूरे: उमर अब्दुल्ला बोले-'निराश था पर नेता को शोक मनाने का अधिकार नहीं है'
श्रीनगर,
05
अगस्त:
जम्मू
कश्मीर
से
ऐतिहासिक
अनुच्छेद
370
को
निरस्त
किए
जाने
के
आज
यानी
05
अगस्त
2021
को
दो
साल
पूरे
हो
गए
है।
साल
2019
में
5
अगस्त
को
जम्मू-कश्मीर
से
आर्टिकल
370
के
प्रावधानों
को
हटा
दिया
गया
था।
जम्मू-कश्मीर
का
विशेष
दर्जा
समाप्त
किए
जाने
के
बाद
जम्मू
कश्मीर
जन
सुरक्षा
अधिनियम
1978
(पीएसए)
के
तहत
444
लोगों
को
हिरासत
में
लिया
गया
था,
जिसमें
नेशनल
कांफ्रेंस
के
नेता
उमर
अब्दुल्ला
भी
शामिल
थे।
234
दिनों
तक
नजरबंद
रखे
गए
उमर
अब्दुल्ला
ने
अनुच्छेद
370
हटाए
जाने
के
दो
साल
पूरे
होने
पर
कहा
है
कि
शुरुआत
में
इसको
लेकर
वह
बहुत
ज्यादा
परेशान
थे
और
निराथ
भी
थे।
लेकिन
उन्होंने
महसूस
किया
कि
एक
राजनेता
के
रूप
में
उन्हें
शोक
मनाने
का
कोई
अधिकार
नहीं
है।
5 अगस्त को जो किया गया वो सदमा था: उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, मैं लंबे समय तक और उन लोगों को निराश नहीं कर सकता था, जो अपने बुनियादी संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे। उमर अब्दुल्ला ने कहा, 5 अगस्त 2019 को जो किया गया वह एक अधिकांश लोगों के लिए एक सदमा जैसा था, जो अचानक, अप्रत्याशित और असंवैधानिक आघात से प्रभावित थे।
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'हिरासत में एक गहरा उदास और निराश व्यक्ति था'
उमर अब्दुल्ला ने हिरासत में बिताए 7 महीने को याद करते हुए कहा, "मैं उस वक्त एक गहरा उदास और निराश व्यक्ति था। मुझे मौजूदा स्थिति में बुनियादी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए खुद को प्रेरित करना मुश्किल लगने लगा था। लेकिन जैसा कि कहावत है, 'कि अगर आप इंद्रधनुष चाहते हैं को आपको बारिश को सहना होगा'। इसलिए यहां मैं लोगों के लिए सबसे अच्छा कर रहा हूं।"
'नेशनल कांफ्रेंस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है'
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए बहुत बलिदान दिया है। उमर अब्दुल्ला बोले, "हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता और हमारे कई नेता आतंकवादियों की गोलियों के शिकार हो गए हैं। मैंने यह सब तब सोचा जब मेरे अकेला हिरासत में था और मेरे अंदर किसी भी तरह की इच्छा और रोशनी मंद होते जा रही थी। मुझे एहसास हुआ कि मैं बस नहीं चल सकता। लेकिन फिर मैंने अपने लोगों के बारे में सोचा और मैं इस दिशा में काम कर रहा हूं।''
'कोई शक नहीं कि 370 को खत्म करना असंवैधानिक था'
उमर अब्दुल्ला ने कहा, मेरे मन में कोई शक नहीं है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना असंवैधानिक था। इस कदम को मेरी पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास और उम्मीद है, जिसने कहा था कि अगर योग्य हुआ तो वे घड़ी को पीछे कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि किसी दिन जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ न्याय होगा।"