Women's Day Special : किसी जौहर से कम नहीं हैं राजस्थान की इन 12 महिलाओं की कहानियां
किसी जौहर से कम नहीं है राजस्थान की इन 12 महिलाओं की कहानियां
जयपुर। 'आधी आबादी' का पूरा सच है कि यह कोमल है पर कमजोर नहीं। बुलंद हौसलों के दम पर ऊंची उड़ान भरना इसे बखूबी आता है। जब भी मौका मिला है तब साबित कर दिखाया है कि हर क्षेत्र में ये पुरुषों के साथ न केवल कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं बल्कि आगे भी निकल सकती हैं। ऐसी ही कामयाब महिलाओं की सक्सेस स्टोरी हमें प्रतिवर्ष 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पढ़ने और सुनने को खूब मिलती हैं।
वर्ष 2022 का महिला दिवस के अवसर आइए हम आपको रूबरू करवाते हैं कि राजस्थान की उन 12 महिलाओं से जिनकी जिंदगी हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। किसी ने मुफलिसी को मात देकर सफलता की नई कहानी लिख डाली तो कोई लीक से हटकर किए अपने काम के बूते सुर्खियों में रहीं।
1. ऊषा चौमार, पद्मश्री, अलवर राजस्थान
53 साल की ऊषा चौमार मैला ढोने की कुप्रथा को खत्म कर पद्मश्री तक का सफर तय करने वाली महिला हैं। राजस्थान के अलवर शहर की रहने वाली ऊषा चौमार सात साल की उम्र से मैला ढोती थीं। 10 साल की उम्र में ब्याह दी गई। वर्तमान में ऊषा मैला उठाने की कुप्रथा में जकड़े लोगों की आवाज हैं। यह सब सुलभ इंटरनेशनल के एनजीओ नई दिशा से जुड़ने के बाद संभव हुआ। नई दिशा ने इनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी। संस्था के अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान में स्वच्छता की अलख जगाने वाली ऊषा चौमार को वर्ष 2020 में पद्मश्री पुरस्कार मिला।
2. मोहना सिंह, देश की प्रथम फाइटर पायलट, झुंझुनूं
भारतीय वायुसेना में इतिहास रचने और हिन्दुस्तान की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव राजस्थान की बेटी मोहना सिंह को हासिल है। 22 जनवरी 1992 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांव पापड़ा के जितरवालों की ढाणी में जन्मी मोहना सिंह वीरचक्र लांस नायक लादूराम की पोती है। मोहना सिंह को 18 जून 2016 को भारतीय वायुसेना में भावना कंठ व अवनी चतुर्वेदी के साथ बतौर पहली महिला फायटर पायलट के रूप में शामिल किया गया।
3. रूमा देवी, बाड़मेर, राजस्थान
संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की मिसाल का नाम रूमा देवी है। 31 साल पहले राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर के गांव रावतसर में खेताराम और इमरती देवी के घर जन्मी रूमा देवी वर्तमान में बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिले के 75 गांवों की करीब 22 हजार महिलाओं को रोजगार मुहैया करवा रही हैं। बाल विवाह के बाद बाड़मेर के गांव मंगला बेरी की बहू बनकर आई रूमा देवी ने बाड़मेर की कशीदाकारी और चटक रंगों के कपड़े की खुशबू दुनियाभर में बिखेरी है। रूमा देवी 20 सितम्बर 2019 को कौन बनेगा करोड़पति शो की हॉट सीट और 15 फरवरी 2020 को अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी में लेक्चर देती दिखाई दी।
4. वर्षा टांक, सरपंच, ज्ञानगढ़, भीलवाड़ा
महज 22 साल की वर्षा टांक राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की करेड़ा पंचायत समिति की ज्ञानगढ़ ग्राम पंचायत की सरपंच है। नए जमाने की जनप्रतिनिधि वर्षा टांक सरपंचाई के साथ-साथ उदयपुर के कॉलेज से एमएससी फाइनल ईयर की पढ़ाई भी कर रही है। राजस्थान पंचायती राज चुनाव 2020 में चुने गए सबसे कम उम्र के सरपंचों में से एक वर्षा टांक सिर पर पगड़ी बांध और मोटरसाइकिल पर सवार होकर लोगों के घर-घर जाकर समस्याओं के समाधान पर चर्चा करती है। अपनी शादी से पहले गांव में बदलाव की बहार बहती देखने का ख्वाब संजोने वाली वर्षा ने सरपंच चुनाव में आईएएस महेंद्र पाल गुर्जर की पत्नी व पूर्व सरपंच लक्ष्मी देवी को 206 वोटों से हराया।
5. विद्या देवी, सरपंच पुरानाबास, सीकर
चेहरे पर झुर्रियां, बाल झक सफेद, उम्र 97 साल और प्रयास गांव का विकास। ये हैं विद्या देवी। राजस्थान की सबसे उम्रदराज महिला सरपंच। राजस्थान पंचायती राज चुनाव 2020 में सीकर जिले की नीमकाथाना उपखंड की पुरानाबास ग्राम पंचायत की सरपंच चुनी गई हैं। आरती मीणा को 207 वोटों से हराने वाली विद्या देवी ने 26 जनवरी को सरपंच पद की शपथ ली और गांव में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही।
6. भावना जाट, एथलीट, राजसमंद
जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाले 2020 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक की पैदल चाल स्पर्धा में भारत की उम्मीद का नाम भावना जाट है। 24 साल की भावना जाट राजस्थान के राजसमंद जिले की रेलमगरा तहसील के गांव काबरा में 1 मार्च 1996 को किसान शंकर लाल जाट व नौसर देवी के घर पैदा हुई। भावना ने फरवरी 2020 को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित तीसरी इंटरनेशनल पैदल चाल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के साथ ही नया रिकॉर्ड बनाते हुए ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई भी किया।
7. दिव्या सैनी, इंजीनियर, सीकर
उम्र महज 21 साल और सालाना कमाई 35 लाख रुपए। हैदराबाद में अमेजन कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर कार्यरत दिव्या सीकर के राधाकिशनपुरा के शिक्षक सांवर मल सैनी और शिक्षिका किरण सैनी के 15 जुलाई 1998 को जन्मी। बड़े भाई के साथ घर पर ही पांचवी तक की पढ़ाई की और फिर सीधे छठी कक्षा में प्रवेश लिया। 12 साल की उम्र में दिव्या ने साइंस बॉयोलॉजी में 83.07 फीसदी अंकों के साथ 12वीं बोर्ड परीक्षा पास की। पटना एनआईटी में पढ़ाई के वर्ष 2017 में दिव्या की अमेजोन कंपनी में 29 लाख के सालाना पैकेज पर नौकरी लगी। पैकेज अब बढ़कर 35 लाख हो चुका है।
8. प्रेरणा सिंह खिंची, मेजर, झुंंझुनूं
भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके दादा और नाना की देशभक्ति की विरासत को आगे बढ़ाने वाली महिला का नाम है प्रेरणा सिंह खिंची। राजस्थान के जोधपुर में बैंक कर्मचारी नाथूसिंह खीची व संतोष कंवर के घर जन्मी प्रेरणा सिंह की छह साल पहले झुंझुनूं जिले के गांव धमोरा निवासी मान्धाता सिंह के साथ शादी हुई। इनके 6 साल की बेटी है। वर्ष 2011 में प्रेरणा ने पहले ही प्रयास में इंडियन आर्मी ज्वाइन कर ली। 17 सितम्बर 2017 को इन्हें मेजर के पद पदोन्नत मिली। वर्तमान में पुणे में पोस्टेड हैं। वहां सेना की इंजीनियरिंग कोर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पति मान्धाता सिंह हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं।
9. संतोष देवी, किसान, सीकर
पांचवी तक पढ़ी-लिखी संतोष देवी खेदड़ खेती के मामले में किसी देसी वैज्ञानिक से कम नहीं। राजस्थान के सीकर जिले के गांव बेरी में शेखावाटी कृषि फार्म एवं उद्यान नर्सरी रिसर्च सेंटर की मालकिन संतोष देवी को सिंदूरी अनार की खेती में महारत हासिल है। सीकर के प्रगतिशील किसानों में शामिल संतोष देवी अनार की खेती से सालभर में 25 लाख रुपए तक कमा लेती हैं। संतोष देवी झुंझुनूं जिले के गांव कोलसिया में दिल्ली पुलिस के जवान रतिराम के घर पैदा हुई थीं। 15 की उम्र में बेरी के रामकरण के शादी करने से पहले ही अपने मायके में संतोष खेती के गुर भी सीख चुकी थीं।
10. प्रिया पूनिया, क्रिकेटर, चूरू
प्रिया पूनिया राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ उपखंड में 248 घरों की आबादी वाले छोटे से गांव जणाऊ खारी की रहने वाली हैं। प्रिया पूनिया ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाई है। बतौर ऑपनर बल्लेबाज प्रिया पूनिया अक्टूबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली पांच घरेलू मैचों की सीरीज में चौके-छक्के लगाती नजर आई। भारतीय सर्वेक्षण विभाग में कार्यरत सुरेन्द्र पूनिया ने बताया कि 6 अगस्त 1996 को जन्मी प्रिया वर्तमान में दिल्ली स्टेट की महिला टीम की ओर से क्रिकेट खेल रही है। खास बात यह है कि पिछले दस साल से ऑपनर बल्लेबाज मैदान में उतर रही है।
11. कीर्ति कुल्हरी, अभिनेत्री, झुंझुनूं
कीर्ति कुल्हरी गांवों की उन लड़कियों के लिए प्रेरणादायी हैं, जो मुम्बई जाकर बॉलीवुड में जगह बनाने का ख्वाब देखती हैं। राजस्थान के झुंझुनूं जिले की घूमनसर ग्राम पंचायत घूमनसर के गांव कुलहरियों का बास की कीर्ति कुल्हरी पिछले साल फिल्म 'मिशन मंगल' में मुख्य भूमिका में नजर आई। कीर्ति बताती हैं कि 'मिशन मंगल' में अपने वैज्ञानिक वाले किरदार के साथ न्याय करने के लिए मैंने पहले मिशन मंगल के बारे खूब पढ़ा। सैटेलाइट ऑटोनॉमी पर शोध किया। अंतरिक्ष से संबंधित कुछ वृत्तचित्र भी देखे। कीर्ति मिशन मंगल के अलावा उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक, वर्ष 2018 में ब्लैकमेल, वर्ष 2017 में इंदु सरकार, वर्ष 2016 में पिंक, सन 75 पचहत्तर, क्यूट कमीना, वर्ष 2014 में जल, वर्ष 2013 में सुपर से ऊपर, राइज ऑफ़ द जोम्बी, वर्ष 2011 में शैतान, वर्ष 2010 में खिचड़ी: आदि फिल्म में भी काम कर चुकी है।
12. प्रिया शर्मा, फाइटर पायलट, झुंझुनूं
प्रिया शर्मा को भारत की सावतीं महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल है। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में पिलानी के पास स्थित गांव घूमनसर कलां की रहने वाली प्रिया शर्मा दिसम्बर 2018 में भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर लौटी तो इन्हें घोड़ी पर बैठाकर जुलूस निकाला गया और पूरा गांव बेटी की सफलता की खुशी जमकर नाचा। प्रिया शर्मा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएगी। प्रिया के पिता मनोज शर्मा भी वायुसेना में स्क्रवाइन लीडर हैं।
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