राजस्थान निकाय चुनाव 2019 में अब बारी मुखिया चुनने की, ये है 49 निकायों में बोर्ड बनने का गणित
जयपुर। महाराष्ट्र में जहां सरकार बनाने को लेकर सियासी ड्रामा चल रहा है, वहीं, राजस्थान में भी मंगलवार को शह और मात का खेल चलेगा। क्योंकि राजस्थान निकाय चुनाव 2019 में मतदान और मतगणना के बाद अब चुने हुए वार्ड सदस्यों के जरिए निकाय मुखिया चुना जाएगा। इसके अगले दिन उपाध्यक्ष का चुनाव होगा।
बता दें कि राजस्थान के 49 निकायों वार्ड सदस्य चुने जाने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। सभी निकायों के 2105 वार्डों में से 961 प्रत्याशी कांग्रेस, 737 भाजपा, 368 निर्दलीय, 16 बसपा, 2 माकपा और 3 एनसीसी के जीते हैं। निकाय चुनाव 2019 में राजस्थान कांग्रेस का दबदबा रहा है। वहीं, 49 निकायों में से 20 में कांग्रेस को और 6 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला था। इनके अलावा कुछ में भाजपा व कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत तो नहीं मिला, लेकिन सदस्य सबसे ज्यादा चुने गए।
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सुबह दस बजे से मतदान
गौरतलब है कि राजस्थान के 49 निकायों में 16 नवंबर को चुनाव हुआ था। जिसके परिणाम 19 नवंबर को घोषित कर दिए गए थे। अगले दिन ही 20 नवंबर को अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नामांकन वापसी के अंतिम दिन 23 को 3 निकायों में एक-एक उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में रहने पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। ये तीनों ही अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के बने हैं। 26 नवंबर को अध्यक्ष पद के लिए मतदान सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक होगा। इस मतदान में पार्षद हिस्सा लेंगे।
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इन निकायों में भाजपा मजबूत
पुष्कर नगर पालिका, जालौर नगर पारिषद और भीनमाल नगर पालिका, पाली नगर परिषद और सुमेरपुर नगर पालिका, सीकर जिले की खाटूश्यामजी नगर पालिका और उदयपुर नगर निगम, बाड़मेर की बालोतारा नगर पालिका, बीकानेर नगर निगम, सिरोही जिले की पिण्डवाड़ा नगर पालिका, अजमेर जिले की ब्यावर नगर पालिका में भाजपा मजबूत स्थिति में है।
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इन निकायों में कांग्रेस का पलड़ा भारी
राजगढ़ नगर पालिका, गंगानगर की सूरतगढ़ नगर पालिका, हनुमानगढ़ नगर परिषद, जैसलमेर नगर परिषद, नागौर की डीडवाना नगर पालिका, राजसमंद की आमेठ और नाथद्वारा नगर पालिका, सिरोही नगर परिषद और माउंट आबू व शिवगंज नगर पालिका, भरतपुर नगर निगम, टोंक नगर परिषद, उदयपुर की कानोड़ नगर पालिका और कोटा की सांगोद नगर पालिका, झुंझुंनू की बिसाऊ और पिलानी नगर पालिका, जोधपुर की फलौदी नगर पालिका, अलवर जिले की भिवाड़ी नगर परिषद, बांसवाड़ा नगर परिषद, बारां जिले की छबड़ा और मागंरोल नगर पालिका, बाड़मेर नगर परिषद, चित्तौडगढ़़ नगर परिषद, चित्तौडगढ़ की निंबाहेड़ा, रावतभाटा नगर पालिका, चूरू नगर परिषद आदि में कांग्रेस का पलड़ा भारी है।