sambhar lake : राजस्थान में खारे पानी की सबसे बड़ी झील सांभर में हजारों पक्षियों की मौत, जानिए वजह
जयपुर। राजस्थान की सबसे बड़ी सांभर झील दुनियाभर के अपने नमक उत्पादन के लिए तो मशहूर है। साथ ही फोटोग्राफरों व पर्यटकों में भी खासी लोकप्रिय है। यह देश की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। हर साल हजारों की संख्या में विदेशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी पक्षी यहां आते हैं। खासतौर से फ्लेमिंगो, मगर प्रशासन की अनदेखी के चलते इन पक्षियों के लिए सांभर झील कब्रगाह चुकी है। पिछले 10 दिन में अब तक 1500 हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की यहां पर रहस्यमयी कारण के चलते मौत हो चुकी है।
क्या है सांभर झील का पूरा मामला
सांभर झील में हर वर्ष लाखों की संख्या में अनेक प्रजातियों के देसी विदेशी पक्षी आते हैं। लेकिन इन पक्षियों की सही रूप से मॉनिटरिंग नहीं की जाती। यहां आने वाले इन विदेशी पक्षियों की अगर समय रहते सुध ली जाती तो इन दिनों हजारों की संख्या में झील में अनेक प्रजातियों के पक्षीयो की लगातार मौत नहीं होती।
वन विभाग और प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है ना ही तो इन पक्षियों की सुरक्षा के कोई उपाय किए गए हैं ना ही विभाग की ओर से कोई कर्मचारी या अधिकारी यहां नियुक्त किया गया है। जिससे इन पक्षियों की सुरक्षा वह देखभाल हो सके।
सांभर झील में करीब डेढ हजार पक्षी मरे
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित सांभर झील 190 से 230 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है। हर साल लाखों प्रवासी पक्षी यहां लंबा सफर तय कर के आते हैं। मगर यहां चल रही गतिविधियों और सरकार की अनदेखी की वजह से लगातार उनकी संख्या कम होती जा रही है।
इन दिनों सांभर झील में दो दर्जन देसी-विदेशी प्रजाति के करीब एक हजार से डेढ़ हजार पक्षी मृत अवस्था में मिले हैं। जिसे देखकर हर कोई दंग है। पक्षियों की मौत अलग-अलग समय में हुई है, लेकिन इनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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सांभर झील में जहरीले पदार्थ की आशंका
आशंका जताई जा रही है कि पानी में कोई ऐसा जहरीले पदार्थ का मिलना या फ्लू से मौत हो सकती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि झील के किनारे देश-विदेश से आए पक्षियों को देखने गए और जैसे ही रतन तालाब के समीप पहुंचे तो वहां थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बड़ी तादाद में पक्षी मृत अवस्था में दिखे। करीब पांच से सात किलोमीटर क्षेत्र को खंगाला तो एक हजार से ज्यादा पक्षी मृत दिखाई दिए। 40 साल में पक्षियों की मौत का ऐसा मंजर पहली बार देखा है।
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इन जगहों से सांभर आते हैं पक्षी
मरने वाले पक्षियों में हिमालय, साइबेरिया, नॉर्थ एशिया समेत कई देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि झील में किसी तरह कोई जहरीला केमिकल पहुंचा गया या फिर झील में कोई ऐसी चीज पहुंची है, जो बेजुबान पक्षियों की जान ले रही है।
इस
बार
अच्छी
बरसात
के
बाद
सांभर
झील
में
पानी
की
अच्छी
आवक
हुई
थी,
जिससे
यहां
आने
वाले
प्रवासी
पक्षियों
की
संख्या
में
इजाफा
होने
की
उम्मीद
जताई
जा
रही
थी।
यहां
हर
साल
2
से
3
लाख
पक्षी
विभिन्न
मौसम
में
आते
हैं।
इनमें
करीब
50
हजार
फ्लेमिंगो
और
1
लाख
वेडर्स
शामिल
होते
हैं।
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सांभर का नमक भी हो सकता है मौत की वजह
इस संबंध में जयपुर डीएफओ कविता सिंह का कहना है कि बड़ी संख्या में पक्षियों के मरने की सूचना पर सांभर झील का दौरा किया है। पक्षियों के मरने की वजह का पता विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। वहीं, पक्षी विशेषज्ञ हर्षवर्धन की मानें तो पक्षियों की मौत का कारण नमक भी हो सकता है। झील क्षेत्र के झपोक से मंदिर तक करीब एक किलोमीटर की दूसरी में व्याप्त नमक में रासायनिक परिवर्तन हो गया।
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