राजस्थान के सियासी ड्रामे में लंका लुटने के कगार पर आई तब हुई राहुल गांधी की एंट्री-पूनिया
जयपुर। राजस्थान का राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरा घटनाक्रम पिछले 15 दिन से तेजी से बदल रहा है। राजस्थान के इस पॉलिटिकल ड्रामे में अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की एंट्री हुई है, जिस पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने निशाना साधा है।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया का ट्वीट
पूनिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि 'देर से भी आए और दुरूस्त भी नहीं। महाशय राहुल गांधी जी लंका लुटने के कगार पर है। ये भी अच्छी याद दिलाई। थोड़ा 1975 का आपातकाल और 91 बार अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग का इतिहास भी पढ़ लेते। लोकतंत्र और संविधान पर नैतिक अधिकार कांग्रेस ने नेहरू जी के जमाने में ही खो दिया था।'
राजस्थान के सियासी संकट पर राहुल गांधी का ट्वीट
दरअसल सतीश पूनिया की यह प्रतिक्रिया राहुल गांधी के ट्वीट के जवाब में थी। राहुल गांधी ने राजस्थान के राजनीतिक संकट में शुक्रवार को हुए घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए कहा था कि 'देश में संविधान और कानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है। राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।'
राजस्थान का राजनीतिक संकट कहां से कहां तक पहुंचा
बता दें कि राजस्थान राज्यसभा चुनाव 2020 से पहले अशोक गहलोत सरकार गिराने की कथित साजिश के आरोपों से शुरू हुआ घटनाक्रम 11 जुलाई के बाद से चरम पर है। 11 जुलाई को पूरे प्रकरण में राजस्थान एसओजी ने प्रकरण दर्ज किया। फिर एसीबी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी, विधानसभा स्पीकर, हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट होता हुआ अब राज्यपाल तक पहुंच गया। विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर अशोक गहलोत गुट ने राजभवन में धरना दिया।
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