राजस्थान : नई सिंचाई परियोजनाओं में लागू होगा सांचौर मॉडल, अब ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम जरूरी
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नई सिंचाई परियोजनाओं का लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। नई सिंचाई परियोजनाओं में अब सांचौर मॉडल लागू किया जाएगा, जिसके तहत राजस्थान के जिन इलाकों में नहर से पानी दिया जाएगा वहां ड्रिप इरिगेशन सिस्टम (बूंद-बूंद सिंचाई) और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई करना अनिर्वाय होगा। यहां पर फ्लड इरिगेशन (खुली सिंचाई) पर पाबंदी रहेगी।
जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक
राजस्थान में सिंचाई व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने यह फैसला जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में लिया है। सीएम गहलोत ने राजस्थान में प्रदेश में नई नहरी सिंचाई परियोजनाओं के नए कमांड क्षेत्रों में केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई करने की अनिवार्यता लागू करने के निर्देश दिए हैं।
क्या हैं सिंचाई का सांचौर मॉडल
बता दें किराजस्थान के जालौर जिले के सांचौर में नहर के पानी से सिंचाई होती है। यहां पर नर्मदा सिंचाई प्रोजेक्ट है, जिसके कमांड क्षेत्र में केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई का प्रावधान है। यहां खुली सिंचाई नहीं होती है। प्रदेश की यह पहली सिंचाई परियोजना है, जिसमें फ्लड इरिगेशन बंद किया गया था।
ताकि ना हो पानी की बर्बादी
उल्लेखनीय है कि जिन क्षेत्रों में नहरी पानी से सिंचाई होती है। वहां छोटी -छोटी वितरिकाओं से होता हुआ पानी किसानों के खेतों तक पहुंचता है। फिर किसान परंपरागत तरीके से खुली सिंचाई करते हैं। इससे पानी की बर्बादी अधिक होती है। अब नए सिस्टम में नहर की वितरिका से पाइप के जरिए पानी खेत तक पहुंचाया जाएगा।
सीएम ने ये निर्देश भी दिए
जल संसाधान विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने ईसरदा बांध, परवन परियोजना, धौलपुर लिफ्ट परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर इन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश भी दिए। मरम्मत और अपग्रेडेशन के लिए 7 बांधों की निविदाएं तथा 6 बांधों की डीपीआर बनाकर केन्द्रीय जल आयोग को भेजी गई हैं।
राजस्थान : अब मशीनों से होगी नालों की सफाई, किसी कर्मचारी को नहीं उतरना पड़ेगा 'गंदगी' में