सचिन पायलट को गहलोत ने दी अमित शाह का फोन ना उठाने की कसम, विजयवर्गीय का मजाकिया ट्वीट
जयपुर। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति की गर्मा गई। ज्योतिरादित्य अचानक सुर्खियों में आ गए और सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी करने लगे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट सोशल मीडिया में जबरदस्त ट्रोल होने लगे।
ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे सचिन पायलट
सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा और मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आ जाने को लेकर यूजर्स ने सचिन पालयट को लेकर कई तरह के ट्वीट्स किए। सिंधिया का इस्तीफा होली पर आया है। ऐसे में यूजर्स ने सचिन पायलट को ट्रोल करने में बुरा ना मानो होली भी लिख रहे हैं। किसी यूजर ने राजस्थान सरकार और पायलट पर तंज कसा तो किसी ने सचिन पायलट की ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ की पुरानी तस्वीर शेयर की।
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विजयवर्गीय ने किया सौगंध वाला ट्वीट
10 मार्च 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे की पुष्टि होने के बाद सोशल मीडिया पर सिंधिया के साथ-साथ ही सचिन पायलट हैशटेग भी ट्रेंड करने लगा। आम यूजर्स और राजनेता भी सचिन पायलट को ट्रोल करने से नहीं चूके। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की तस्वीर के साथ मजाकिया अंदाज में लिखा कि 'तने थारे बाप की सोगन बेटा .. तू तो मेरे बेटे समान है, जो अमित शाह का नंबर उठायो तो म्हारो मरो मुँह देखोगो ..!!! बुरा न मानो होली है !!!'
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उठ चुकी है पायलट को सीएम बनाने की मांग
बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 की जीत के बाद अशोक गहलोत सरकार बनने के साथ ही सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठने लगी थी। राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थकों मांग उठाते रहे हैं कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में पार्टी की सरकार बनी। इसलिए उनको मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। वर्तमान में सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री हैं।
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गहलोत सरकार के खिलाफ उठा चुके हैं आवाज
सिंधिया के इस्तीफे के साथ ही सचिन पायलट के ट्रॉल होने के पीछे कई वजह देखी जा रही हैं। दरअसल, राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी दो खेमों में बंटी लग रही है। एक खेमा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है जबकि दूसरा खेमा सचिन पायलट का। हालांकि दोनों ही नेताओं ने इससे जुड़े पत्रकारों के सवालों को कई बार ये कहते हुए दरकिनार किया है कि ये सिर्फ अटकलें हैं, हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। वहीं पायलट अपने बयानों में कई बार सरकार की कार्यशैली को लेकर खुलकर सवाल उठा चुके हैं।
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पायलट-सिंधिया की दोस्ती जगजाहिर
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट युवा चेहरे हैं। दोनों को ही राहुल गांधी के करीबी माना जाता रहा है। खास बात है कि पायलट और सिंधिया में गहरी दोस्ती है, जो जगजाहिर है। राजनीति से इतर दोनों नेताओं के बीच कई बार मुलाकातें हो चुकी हैं। कांग्रेस पार्टी के युवा चेहरों की फहरिस्त में इन दोनों ही नेताओं के नाम पहली पंक्ति में लिए जाते हैं।
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बुआ-भतीजे की तस्वीर भी शेयर
भाजपा की दिग्गज नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का ज्योतिरादित्य सिंधिया से बुआ भतीजे का रिश्ता है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर भी शेयर कर रहे हैं। इसमें बतौर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और कांग्रेस नेता के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिरकत की थी। तस्वीर में सचिन पायलट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अभिवादन करते दिख रहे हैं। इसी तस्वीर में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिखाई दे रहे हैं।
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पायलट के बाद मिलिंद देवड़ा व जतिन प्रसाद की बारी!
सोशल मीडिया यूज़र्स ने सिंधिया के इस्तीफे को राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को उनकी गहलोत सरकार में कथित नाराज़गी से जोड़कर ट्रॉल किया। कुछ यूज़र्स ने लिखा, 'सिंधिया के बाद अब सचिन पायलट की बारी... राजस्थान सरकार का भी यही हाल होगा। इसके बाद मिलिंद देवड़ा और जतिन प्रसाद महाराष्ट्र सरकार का। कुछ दिन की मेहमान है दोनों सरकार। कांग्रेस अब पार्टी नही एनजीओ ज्यादा है?