क्या CM गहलोत का नाम तक नहीं सुनना चाहते सचिन पायलट, पत्रकारों ने सवाल पूछा तो मिला यह जवाब
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच दूरियां किस कदर बढ़ चुकी हैं ये किसी से छिपा नहीं है। लंबे वक्त से दोनों नेताओं को बहुत ही कम मौकों पर साथ देखा गया है। खासकर पायलट की पिछले साल की बगावत के बाद तो ये दूरियां और बढ़ गई हैं। अब पिछले कुछ दिन से राजस्थान सियासी संकट एक बार फिर अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है।
सचिन पायलट अपनी पुरानी मांगों को लेकर हाई कमान का दरवाजा खटखटा चुके हैं। पायलट के समर्थक विधायक भी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि ताजा विवाद पर सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने चुप्पी साध रखी है।
राजस्थान कांग्रेस में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का नाम तक सुनना पसंद नहीं कर रहे हैं। ताजा मामला मंगलवार का है जब कांग्रेस नेता सचिन पायलट उत्तराखंड के रुड़की गए थे। जहां पायलट ने मंगलौर विधायक काजी निज़ामुद्दीन की माता जी के देहांत पर शोक जताया।
इस दौरान पत्रकारों ने पायलट से राजस्थान में सीएम गहलोत से उनकी नाराजगी को लेकर सवाल पूछ लिया। गहलोत का नाम सुनने के बावजूद पायलट कुछ नहीं बोले और राजस्थान की बजाय उत्तराखंड की राजनीति को लेकर बयान देने लगे।
विधायक काजी निज़ामुद्दीन उस दौर में राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी रहे हैं। जब सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और कांग्रेस राजस्थान की वापसी के लिए संघर्ष कर रही थी। इधर, पायलट पिछले कई दिन से कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं, जिसकी वजह से राजस्थान का सियासी संकट फिलहाल टलता हुआ नहीं दिख रहा है।