राजस्थान में गहलोत सरकार की ये तीन देवियां करेंगी धनवर्षा, प्रदेश में निवेश की कमान महिला शक्ति के हाथों में
जयपुर, 5 अक्टूबर। राजस्थान में इन्वेस्टर्स समिट को लेकर इन्वेस्ट राजस्थान की तैयारियां शुरू हो चुकी है। इन्वेस्टर्स समिट राजस्थान के मुख्यमंत्री का ही नहीं पूरे प्रदेश का सपना है। इस समिट को सफल बनाने के लिए जिन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनमें सबसे अहम तीन किरदार है। यह किरदार कोई और नहीं राजस्थान के उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, मुख्य सचिव उषा शर्मा और उद्योग विभाग की एसीएस डॉ. वीनू गुप्ता है। यह तीनों समिट को सफल बनाने के लिए पिछले छह माह से दिन-रात एक किए हुए हैं। इन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि अरबों रुपए का निवेश राजस्थान के लिए हाथ खोले खड़ा है। राजस्थान में सौर ऊर्जा, पेट्रोलियम संबंधी प्रोजेक्ट और सीमेंट उद्योगों को लेकर तमाम औद्योगिक घरानों को आकर्षित किया है। इस समिट में उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल, गौतम अडानी, सीके बिरला, अनिल अग्रवाल जैसे दिग्गज शामिल होंगे। पहली बार ऐसा हो रहा है कि समय से पहले ही 10.44 लाख करोड़ रुपए के 4,192 कम्पनियों के एमओयू और एलओआई साइन हो चुके हैं।
मंत्री शकुंतला रावत ने समिट को लेकर 50 से ज्यादा बैठकें की
राजस्थान की उद्योग और वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत इतने भारी भरकम मंत्रालय को संभाल रही है। रावत को जब यह महकमा सौंपा गया था। तब उनकी सादगी भरी छवि और पहली बार मंत्री बनने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उन्हें इतने महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा देने के फैसले पर सवाल उठे थे। लेकिन मंत्री शकुंतला रावत अब इस इन्वेस्टर्स समिट की कर्ताधर्ता है। रावत इस समिट को लेकर अब तक 50 से ज्यादा समीक्षा बैठकें कर चुकी हैं। इस समिट को लेकर जहां उनकी जरूरत पड़ी। वहां उनके निर्देशन में काम हुआ है। रावत ने इसकी सफलता के लिए प्रदेश से बाहर जाकर रोड शो भी किए हैं।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने दिया प्रदेश को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली माहौल
इन्वेस्टर्स समिट को पूरी तरह से महिला शक्ति का साथ मिल रहा है। मुख्य सचिव उषा शर्मा को प्रदेश को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली माहौल देने का श्रेय जाता है। समिट के लिए किए गए और आगे किए जाने वाले सभी जिलों पर हुए एमओयू और एलओआई की जानकारी मुख्य सचिव लेती थी। उन्होंने जमीनी स्तर पर जाकर हर कार्य का निरीक्षण और निर्देशन किया। ताकि जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा एमओयू धरातल पर उतर सकें। समिट स्थल को लेकर मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई तो कार्यक्रम की रूपरेखा और मेहमानों के लिए सुविधाओं को लेकर उनकी तरफ से रखे गए खाके को देखकर अधिकारी भी अचंभित हो गए।
एसीएस वीनू गुप्ता ने सजगता से की निवेश की मॉनिटरिंग
उद्योग विभाग की एसीएस वीनू गुप्ता ने बहुत सजगता से हर निवेश की बेहद पैनी मॉनिटरिंग की है। वे इन्वेस्ट राजस्थान का सबसे अहम किरदार मानी जा रही है। उनकी मॉनिटरिंग के बिना कोई भी एमओयू आगे नहीं बढ़ सकते थे। वीनू गुप्ता ने मुख्यतः उन एमओयू पर ज्यादा फोकस किया। जिनकी धरातल पर उतरने की संभावना ज्यादा हो। फिर भी किसी निवेशक को किसी भी तरह की समस्या ना हो। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निवेशक से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क रखते हुए उनकी हर समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।
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