UP के दवा कारोबारी से जयपुर के होटल में 10 लाख की घूस लेते राजस्थान पुलिस कांस्टेबल गिरफ्तार
जयपुर। राजस्थान की जोधपुर एसीबी टीम ने मंगलवार को राजधानी जयपुर के एक होटल में कार्रवाई कर पुलिस कांस्टेबल नरेशचंद मीणा को उत्तर प्रदेश के दवा कारोबारी से दस लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। रिश्वत की यह राशि राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सदर पुलिस थाने में दर्ज एनडीपीसी एक्ट के मामले में मदद के नाम पर ली गई थी।
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नशीली गोलियां पकड़े जाने का था मामला
एसीबी के आईजी दिनेश एमएन ने बताया कि उत्तरप्रदेश में कानपुर जिले के गोविंद नगर में रहने वाले दवा कारोबारी हरदीप सिंह ने 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर चौकी में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया कि श्रीगंगागनर में नशीली गोलियां पकड़ी गई थीं। जिसका मुकदमा श्रीगंगानगर के सदर पुलिस थाने में दर्ज हुआ और जांच यहां के जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सिहाग को सौंपी गई थी।
श्रीगंगानगर पुलिस कांस्टेबल पहुंचे कानुपर
हरदीप सिंह ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि नशीली गोलियों से उसकी फर्म कोई लेना-देना नहीं होने के बावजूद जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश सिहाग ने उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस दे दिया। फिर गत 18 सितंबर को आरोपी कांस्टेबल नरेशचंद मीणा व एएसआई सोहनलाल कानपुर में उनकी दुकान पर पहुंचे। उन्होंने पवन को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उस वक्त उससे 15 लाख रुपए वसूले।
15 लाख रुपयों का यूं किया बंटवारा
एसीबी की पकड़ में आने के बाद कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पूछताछ में बताया कि पवन कुमार अरोड़ा से लिए 15 लाख रुपए में से हम दोनों कांस्टेबलों में ढाई-ढाई लाख और अनुसंधान अधिकारी जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग को 10 लाख देने की बात की थी। बता दें कि कांस्टेबल नरेश कुमार राजस्थान के करौली जिले के नादौती तहसील में गांव मिलक सराय का रहने वाला है। जबकि थानाप्रभारी सिहाग झुंझुनूं निवासी है।
15 के बाद मांगने लगे 25 लाख रुपए
परिवादी हरदीप सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को दोबारा कांस्टेबल नरेशचंद मीणा यूपी में पवन अरोड़ा के घर पहुंच गया। उसे बताया कि थानाप्रभारी राजेश सियाग उनके दवाओं की जानकारी से संतुष्ट नहीं है। वे 25 लाख रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। यदि रुपयों का इंतजाम हो जाएगा तो वे उसे छोड़ देंगे। फिर वह एक लाख रुपए लेकर आ गया। इसके 22 अक्टूबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा वापस यूपी पहुंचा। वहां व्हाट्सएप कॉल से पवन अरोड़ा से बातचीत की। उससे 25 लाख रुपयों की मांग की।
फ्लाइट टिकट बुक दिल्ली पहुंचा
एसीबी की पूछताछ में यह भी सामने आया कि 25 सितंबर को कांस्टेबल मीणा कानपुर गया तब पवन अरोड़ा दिल्ली गया हुआ था। ऐसे में कांस्टेबल ने पवन को धमकाकर उसका दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक करवाने का दबाव डाला। तब पवन ने कांस्टेबल नरेशचंद के लिए अपने रिश्तेदार के मार्फत ऑनलाइन टिकट बुक करवाया। तब नरेशचंद रिश्वत की रकम लेने फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गया। तब पवन अरोड़ा ने बताया कि वह कोरोना संक्रमित है। अभी रिश्वत की रकम नहीं दे सकेगा। तब कांस्टेबल ने पवन अरोड़ा से 10 लाख रुपए में सौदा तय किया।
10 लाख लेकर जयपुर बुलाया, एयरपोर्ट लेने पहुंचा
एसीबी जोधपुर के प्रभारी एएसपी नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पवन के चाचा हरदीप सिंह से बातचीत कर 26 अक्टूबर को रिश्वत की रकम लेकर जयपुर बुलाया। सोमवार को हरदीप सिंह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और एसीबी में शिकायत दर्ज करवा दी। इससे अनजान कांस्टेबल नरेशचंद खुद एक पिकअप लेकर रिश्वत लेकर आए हरदीप सिंह को लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया।
जयपुर की होटल में पकड़ा रंगे हाथ
इसके बाद वे दोनों पहले से निर्धारित जयपुर में ही टोंक रोड स्थित होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। वहां कांस्टेबल नरेशचंद को हरदीप सिंह ने 10 लाख रुपयों की रिश्वत सौंपी। तभी इशारा मिलते ही जोधपुर एसीबी टीम ने कांस्टेबल नरेशचंद को धरदबोचा। उसकी व्हाट्सएप चैट्स व अन्य तथ्यों के आधार पर एसीबी ने पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सिहाग को भी आरोपी माना है। लेकिन वह फरार हो गया।
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