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राजस्थान : मंदिरों में भक्तों की नो एंट्री, पुजारी बोले-'हमारे सामने आई भूखे मरने की नौबत'

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जयपुर। देश में अनलॉक-1 की शुरुआत हुए 11 दिन हो गए हैं। 8 जून से होटल, मॉल, दुकान भी खुल गई, मगर राजस्थान में मंदिर अभी भी बंद हैं। कोरोना संकट के चलते 'भगवान' ताले में कैद हैं। मंदिर नहीं खुलने से चढ़ावा भी नहीं आ रहा। ऐसे में कई मंदिरों के पुजारियों के सामने भूख मरने की नौबत आ गई है। राजस्थान के पुजारियों ने सरकार को धमकी तक दे डाली कि अगर मंदिर नहीं खोले गए तो मजबूरन पुजारियों को ​सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ेगा।

पुजारियों ने सीएम गहलोत को लिखी चिट्ठी

पुजारियों ने सीएम गहलोत को लिखी चिट्ठी

राजस्थान ब्राह्मण महासभा के बैनर तले जयपुर के पुजारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर बताया है कि मंदिर में चढ़ावा आता था उन्हीं से उनका परिवार चलता था। कोरोना महामारी के दौर में मंदिर बंद होने की वजह से उनके लिए संकट खड़ा हो गया है। पुजारियों कहना है कि अमावस के दिन कुछ आटा, दाल सीधा ही आ जाता था वह भी नहीं आ रहा है।

 राजस्थान में बंद हैं करीब 40 हजार मंदिर

राजस्थान में बंद हैं करीब 40 हजार मंदिर

दरअसल, समस्या यह है कि राजस्थान सरकार ने अभी तक मंदिरों को खोलने की इजाजत नहीं है। ऐसे में प्रदेश के करीब 40 हजार से ज्यादा मंदिर बंद हैं। इसकी वजह यह है कि मंदिरों में कोरोना वायरस को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का इस्तेमाल आदि के संबंध में राजस्थान सरकार कोई पुख्ता दिशा-निर्देश जारी नहीं कर पाई है। जयपुर के मालवीय नगर के जलेश्वर महादेव मंदिर में पिछले 100 दिनों से ताला लगा हुआ है। भक्त तो बाहर से मत्था टेक लेते हैं, मगर अंदर भगवान का भोग लगाने वाले पुजारी के परिवार का भोग नहीं लग पा रहा है।

 कमेटी की रिपोर्ट के बाद खोलेंगे मंदिर

कमेटी की रिपोर्ट के बाद खोलेंगे मंदिर

सरकार का कहना है कि मंदिर संक्रमण का जरिया हो सकते हैं, इसलिए सरकार इसे खोलने पर विचार करने के लिए कमेटी बना रखी है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही खोलने पर फैसला लिया जाएगा। इधर, मीडिया से बातचीत में एसीएस (होम) राजीव स्वरूप कहते हैं कि मंदिरों को खोलने को लेकर गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इसलिए अभी आगामी आदेशों तक मंदिर बंद ही रहेंगे। जयपुर के मालवीय नगर के जलेश्वर महादेव मंदिर में पिछले 100 दिनों से ताला लगा हुआ है. भक्त तो बाहर से मत्था टेक लेते हैं मगर अंदर भगवान का भोग लगाने वाले पुजारी के परिवार का भोग नहीं लग पा रहा है।

मंदिरों के लिए गाइड लाइन में कर रही देरी

मंदिरों के लिए गाइड लाइन में कर रही देरी

जयपुर के मंदिर पुजारियों का कहना है कि सरकार ने शराब की दुकानें, मॉल, हॉल और रेस्टोरेंट्स के लिए नियम बना सकती है तो मंदिरों के लिए क्यों नहीं। मंदिर खोलने के संबंध गाइड लाइन जारी करने में जान बूझकर देरी की जा रही है। दूसरी तरफ सरकार का तर्क है कि जहां पर मंदिर खुले हैं उन राज्यों में कोरोना के हालात खराब है। हम लोगों को खतरे में नहीं डाल सकते हैं, इसलिए हमने सभी जिलों के पुजारियों से फीडबैक लेने के बाद उन्हीं के कहने पर मंदिर बंद रखने का फैसला किया है। इसके अलावा हमने कमेटी बना दी है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही जिला स्तर पर मंदिर खोलने के फैसले लिए जाएंगे।

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English summary
Rajasthan: No entry of devotees in the temple, priest demands For Temple Reopen
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