राजस्थान: पायलट के पीसीसी कार्यालय पहुंचते ही एनवक्त पर रद्द हुआ अशोक गहलोत के आने का कार्यक्रम
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को एक माह तक सियासी भंवर में फंसाए रखने वाले उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट की भले ही घर वापसी हो गई हो, मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के रिश्तों में अभी भी तल्खी है या रिश्ते सुधर गए। कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसी ही एक बानगी गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर राजधानी जयपुर में देखने को मिली।
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पुष्पांजलि कार्यक्रम था पीसीसी कार्यालय में
मीडिया के हवाले से खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जयंती पर गुरुवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कहा गया था कि गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सुबह साढ़े दस बजे स्व.राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्पांजलि करेंगे।
डोटासरा व पायलट पहुंच चुके थे कार्यक्रम में
पूर्व पीएम राजीव गांधी को पुष्पांजलि देने के लिए प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा तो तय समय पर पहुंच गए और सीएम का इंतजार करने लगे। उधर, सचिन पायलट पीसीसी कार्यालय पहुंच चुके थे। यह बीते एक माह के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पीसीसी कार्यालय में पायलट का पहला दौरा था।
एनवक्त पर बदला गहलोत का कार्यक्रम
कांग्रेस कार्यकर्ता अशोक गहलोत व सचिन पायलट को एक साथ कार्यक्रम में मौजूग रहते देखने की उम्मीद लगाए बैठे थे, मगर कार्यक्रम में गहलोत नहीं आए। पौने 11 बजे अचानक सूचना आई कि गहलोत नहीं आएंगे। इसके बाद पीसीसी कार्यालय में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चा होने लगी कि संभवतया पायलट के साथ गहलोत कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहना चाहते हैं। इस कारण ऐनवक्त पर उनके आने का कार्यक्रम बदल गया।
भाजपा को राजीव गांधी से सीखना चाहिए बड़प्पन
इस मौके पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पायलट ने कहा कि एक वक्त था जब स्व.राजीव गांधी लोकसभा में 400 से ज्यादा सीटें लेकर आए थे, लेकिन वे 2 सीटों वाली भाजपा का सम्मान करते थे। आज भाजपा घमंड में कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है। भाजपा को राजीव गांधी से राजनीति का बड़प्पन सीखना चाहिए।