राजस्थान में जोरदार बारिश, इन जगहों पर जबरदस्त ओलावृष्टि, देखें तस्वीरें और वीडियो
Rain In Rajasthan जयपुर। राजस्थान में नए साल के चौथे दिन अचानक मौसम का मिजाज ( Rajasthan Weather Update ) बदल गया। जोरदार बारिश और जबरदस्त ओलावृष्टि का दौर चला है, जिसकी वजह से पूरे राजस्थान में सर्दी का असर बढ़ गया है। प्रदेश का कोना-कोना ठिठुरने लगा है। सर्दियों में होने वाली इस बारिश को मावठ के रूप में जाना जाता है। यह रबी की फसलों के लिए काफी फायदेमंद है।
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शाम तक बारिश का सिलसिला जारी
सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर कई जिलों में बारिश हुई है। शेखावाटी के तीनों जिले सीकर, झुंझुनूं और चूरू भी भीगा है। पूरे प्रदेश में सुबह से ही बादल मंडराए हुए थे। दोपहर होते होते कई जगहों पर बरस पड़े। शेखावाटी और राजधानी जयपुर के आस-पास के इलाकों में सुबह से लेकर शाम 4 बजकर 56 मिनट पर खबर लिखे जाने तक भी बारिश का सिलसिला जारी था। तेज गर्जना और हवाओं के साथ हुई बारिश के साथ-साथ ओले भी गिरे।
कई जगहों पर बिछी ओलों की चादर
सीकर के गांव नीमोद और झुंझुनूं जिले के झाझड़, बसावा समेत कई गांवों में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई है। इन गांवों में ओलों की चादर बिछ गई और तेज बारिश भी हुई। बारिश के तुरंत बाद सर्दी का असर बढ़ गया। लोग गर्म कपड़ों में दबके नजर आए। जगह जगह अलाव का सहारा लेते भी दिखे।
इन जिलों से हैं बारिश-ओलों के समाचार
जानकारी के अनुसार सीकर, झुंझुनूं और जयपुर के अलावा दौसा, भरतपुर व अलवर के आस-पास के इलाकों से बारिश व ओलों के समाचार मिले हैं। इन जगहों पर बारिश का सिलसिला सुबह से लेकर शाम तक जारी है। रह-रहकर बारिश हो रही है।
क्या फसलों को होगा नुकसान?
इन दिनों राजस्थान के खेतों में रबी की फसलें खड़ी हैं। गेहूं और जौ के बूंटे पंजे जितने बड़े हो गए हैं। वहीं, सरसों-चना की भी बढ़वार हो रही है। झुंझुनूं कृषि विस्तार सहायक निदेशक डॉ. विजय पाल कस्वां बताते हैं कि राजस्थान में चार जनवरी 2021 को हुई मावठ से अभी कोई नुकसान वाली स्थिति नहीं है। जहां कहीं ओले ज्यादा गिरे वहां थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है।
क्या फायदा होगा रबी की फसलों को?
सहायक निदेशक डॉ. विजय पाल कस्वां की मानें तो यह मावठ रबी की फसलों के लिए अमृत के समान है। इससे रबी की सभी फसलों को काफी फायदा होगा। पहला ये कि अब रबी की फसलों की ग्रोथ बढ़ेगी, क्योंकि इस बार सर्दी कम पड़ने के कारण ग्रोथ धीमी गति से हो रही थी। यह बारिश फसलों के लिए यूरिया का भी काम करेगी। इसके अलावा जिन इलाकों में बारिश हुई है अब वहां पाळा पड़ने की संभावना कम हो गई है।
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