कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक केस : राजस्थान SOG ने 13 आरोपी पकड़े, जूते ने यूं पहुंचाया मास्टर माइंड तक
जयपुर, 21 मई। राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2022 का पेपर लीक करने वालों पर एसओजी का शिकंजा कसता जा रहा है। पेपर लीक प्रकरण में अब तक 13 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। इनसे पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है।

इन 13 आरोपियों पर 14 मई को दूसरी पारी में आयोजित राजस्थान कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने का आरोप है। 14 मई वाला यह पेपर निरस्त कर दिया गया है। इसकी परीक्षा अब दुबारा होगी।
इन 13 लोगों की हुई गिरफ्तारी
1. शाहरूख खान, उम्र 20 साल, गांव हरराजपुरा, मसूदा अजमेर
2. मनोज कुमार वर्मा उम्र 39 साल, गांव रूण्डल मानपुरा,
चंदवाजी, जयपुर
3. पूजा मामनानी उम्र 38 साल, मकान नंबर 30 आर्या नगर पुलिस थाना मुरलीपुरा, जयपुर
4. कंवर सिंह, उम्र 24 साल, अजमेर
5. राजेन्द्र प्रसाद, उम्र 40 साल, जयपुर
6. शालू शर्मा, केन्द्राधीक्षक एवं स्कूल की प्रिंसिपल
7. मुकेश कुमार शर्मा, सहायक केन्द्राधीक्षक एवं स्कूल डायरेक्टर
8. सत्यनारायण कुमावत , स्ट्रांग रूम और परीक्षा केंद्र पर मौजूद स्टाफ
9. कमल कुमार वर्मा, स्ट्रांग रूम और परीद स्टाक्षा केंद्र पर मौजूद
10. रोशन कुमावत, स्ट्रांग रूम और परीद स्टाक्षा केंद्र पर मौजूद
11. विक्रम सिंह, परीक्षा करवाने वाली टीसीएस कंपनी के प्रतिनिधि
12. राकेश, परीक्षा करवाने वाली टीसीएस कंपनी के प्रतिनिधि
13. रतन लाल, जयपुर पुलिस एएसआई
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बता दें कि 13 मई से 16 तक आठ पारियों में राजस्थान कांस्टबल भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा केंद्रों पर हर कमरे में जैमर लगाए गए थे। मेटल डिटेक्टर से चेकिंग के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे पहले अंतिम प्रवेश दिया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद परीक्षा के दूसरे दिन 14 मई को दूसरी पारी का पुलिस भर्ती का पेपर आखिरकार सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
राजस्थान एसओजी के इंस्पेक्टर मोहनलाल पोसवाल को सोशल मीडिया पर एक मैसेज मिला था, जिसके आधार पेपर लीक प्रकरण का खुलासा हुआ। सोशल मीडिया पर 14 मई को दोपहर 3 बजे से शुरू होने वाली दूसरी पारी के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी के 33 पन्ने Whatsapp पर वायरल हुए थे। इनमें 7 पेजों पर कुछ प्रश्नों के जवाब बॉल पेन से लिखे मिले।
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सोशल मीडिया में वायरल हुए कांसटेबल भर्ती परीक्षा के पेपर के एक पेज की फोटो प्रिंट में आधा जूते का हिस्सा और जूते के पास ही डिजाइनदार फर्श का पैटर्न नजर आया। इसमें फर्श पर धारियां बनी हुई नजर आ रही थी। इसी आधार पर एसओजी की टीम जयपुर के झोटवाड़ा की दिवाकर स्कूल भेजी गई, जहां फर्श व फोटो का मिलान हो गया। वहां पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम से सटे हुए स्टोर रुम के फर्श पर वही डिजाइन नजर आया जो कि एसओजी को मिले वायरल पेपर में एक फोटो में नजर आ रहा था।
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राजस्थान एसओजी जांच में पता चला कि 14 मई को सुबह 11 बजे प्रश्न पत्रों को स्ट्रांग रुम में रखवाया गया था। इसके बाद 11 बजकर 46 मिनट से लेकर 12 बजकर 13 मिनट के बीच की अवधि में स्ट्रांग रुम में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए। इसके पहले और बाद में सामने आए सीसीटीवी फुटेज में परीक्षा केंद्र पर वीक्षक की ड्यूटी देने आया मोहन व कमल कुमावत नाम का कर्मचारी सीढियों के रास्ते से बिजली की पावर सप्लाई तक जाते हुए आते जाते नजर आया।
एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि पहली पारी की परीक्षा के वक्त केंद्राधीक्षक शालू शर्मा व सहायक केंद्राधीक्षक मुकेश शर्मा सहित टीसीएस कंपनी के प्रतिनिधि राकेश व विक्रम मौजूद थे, लेकिन दूसरी पारी की परीक्षा में प्रश्न पत्र निकालते वक्त ये लोग वहां मौजूद नहीं थे। जबकि नियमानुसार इन चारों को स्ट्रांग रुम में मौजूद होना चाहिए था। गिरफ्तार आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेशकर एसओजी ने 3 दिन के रिमांड पर लिया है जबकि मोहनलाल के घर पर दबिश देकर करीब 8 लाख रुपये बरामद किए है।