Corona Warriors : राजस्थान के झाझड़-भोमपुरा गांव के लोग निभा रहे 'कोरोना योद्धाओं' की भूमिका
जयपुर। कोरोना वायरस का दुनियाभर में खौफ है। देश में भी 24 मार्च से 21 दिन के लिए लॉकडाउन है। अकेले राजस्थान में 31 मार्च तक कोरोना पॉजिटिव केस का आंकड़ा 83 तक पहुंच गया है। इस बीच चिकित्सक जहां अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज करके कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। वहीं, गांव-ढाणियों में ऐसे लोग भी हैं, जो किसी कोरोना योद्धाओं नहीं।
इस मामले में राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांव झाझड़ और चूरू जिले के गांव भोमपुरा के लोग मिसाल हैं। झाझड़ के युवाओं की टीम जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया करवा रही है। वहीं, भोमपुरा के लोगों ने बाहरी लोगों की गांव में नो एंट्री कर रखी है।
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गांव झाझड़ में यूथ अलर्ट टीम
बता दें कि गांव झाझड़ के युवाओं ने सरपंच रामस्वरूप सैनी के नेतृत्व में यूथ अलर्ट टीम बनाई है। गांव के सुनील सैनी, विक्रम सिंह, हरिप्रसाद सैनी, संरेश सैनी, महावीर सिंह, मुकेश आदि ने आर्थिक सहयोग दिया है। इन पैसों से यूथ अलर्ट टीम खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा रही है। सरपंच रामस्वरूप सैनी ने बताया कि लॉकडाउन के समय में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। इसके लिए यूथ अलर्ट टीम मदद करने में जुट गई है। गांव झाझड़ के लोग स्वेच्छा से आर्थिक सहयोग कर रहे हैं।
गांव
भोमपुरा
में
प्रवेश
पर
पाबंदी
उधर,
चूरू
जिले
के
सुजानगढ़
उपखंड
के
गांव
भोमपुरा
के
लोगों
ने
खुद
ही
अपने
गांव
के
लोगों
के
स्वास्थ्य
को
ध्यान
में
रखते
हुए
अनूठी
पहल
की
है।
भोमपुरा
के
ग्रामीणों
ने
गांव
के
मुख्य
रास्तों
को
पूर्णतया
बन्द
करते
हुए
प्रवेश
व
निकास
पर
लगाम
लगा
दिया
है।
गांव
भोमपुरा
के
सोहन
गोदारा
बताते
हैं
कि
हम
नहीं
चाहते
कि
हमारा
गांव
कोरोना
की
चपेट
में
आए।
इसलिए
ग्रामीणों
ने
ये
कदम
उठाया
है।
गांव
के
सागर
बिडासरा,
नागर
बिडासरा
और
सहीराम
भी
सोहन
की
बात
से
इत्तेफाक
रखते
हैं।
ये
कहते
हैं
कि
हमें
हर
हालात
में
हमारे
गांव
को
कोरोना
से
बचाना
है।
काम
सबके
हैं।
लेकिन
किसी
भी
हालात
में
बाहर
नहीं
जाना
है
और
न
ही
बाहर
से
किसी
को
आने
देना
है।