पंकज कुमार ओझा : ये हैं 6 विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले राजस्थान के इकलौते RAS अफसर
जयपुर। पंकज कुमार ओझा राजस्थान के सीनियर आरएएस अफसर हैं। ये सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं करते बल्कि अपने काम को अनूठे अंदाज में अंजाम देते हैं और सीधा विश्व रिकॉर्ड बना डालते हैं।
आरएएस ओझा ने अपने काम में किए नवाचार
इस बात का सबूत है गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में आरएएस पंकज कुमार ओझा के नाम छह रिकॉर्ड दर्ज हैं। ये सारे रिकॉर्ड इन्होंने प्रशासनिक सेवा में रहते हुए अपने काम में ही नवाचार करके बनाए हैं। राजस्थान के इकलौते आरएएस अफसर हैं, जिन्होंने इतने रिकॉर्ड बनाए हैं।
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अजमेर में पैदा हुए पंकज कुमार ओझा
राजस्थान के समस्त आरएएस अफसरों में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पंकज कुमार ओझा 17 जून 1971 को अजमेर में पैदा हुए। बीएससी व एमए तक की पढ़ाई की है। वर्तमान में राजस्थान के टोंक एपीआरटीएस में बतौर प्रींसिपल के तौर पर काम कर रहे हैं। वर्ष 2001 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा ज्वाइन की।
17.3 फीट का चाकू बनाया
पंकज कुमार ओझा द्वारा नवाचार करने की शुरुआत जयपुर में मुंसिपल कॉरपोरेशन के कमिश्नर रहते हुए कुछ नया करने की इच्छा हुई। मीडिया से बातचीत में ओझा बताते हैं कि उस समय लगा कि कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे राजस्थान का नाम भी और लोगों में संदेश भी जाए। तब 17 फीट 3 इंच का चाकू बनाया, जो 45 किलोग्राम वजन का था। चाकू बनाने के पीछे मकसद यह था कि लोगों को ये संदेश दिया जाए कि भ्रष्टाचार और कुरीतियों को मिटाने के लिए इस तरह के बड़े शस्त्र की जरूरत है। यह विश्व रिकॉर्ड गिनिज बुक में दर्ज हुआ था।
ओझा धड़ाधड़ सुनाए फैसले
वर्ष 2018 में पंकज कुमार ओझा कोटा में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे। तब इन्हें महसूस हुआ कि किसान काफी परेशान हैं। किसानों से जुड़े करीब दो हजार मामले डीए-एडीएम की अदालतों में पेंडिंग पड़े थे। हमारी टीम पहले पूरी तैयारी की और फिर 4 अगस्त 2018 को एक ही दिन में 107 व 4 सितम्बर 2018 को एक ही दिन में 321 मामले निपटाए। इस पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड बना। इसी तरह से अन्य रिकॉर्ड भी मामलों के कम समय में अधिकमत मामलों का निस्तारण करके बनाए गए।
लोकसभा चुनाव 2019 में नवाचार
पंकज कुमार ओझा बताते हैं कि 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान मैं सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में बतौर एडीएम कार्यरत था। 29 अप्रैल को हमारे यहां मतदान होना था। मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के साथ लगाए जाने वाली वीवीपैट मशीन का अध्ययन किया तो पता चला कि यह 32 डिग्री तापमान के बाद गर्म हो जाती है और तकनीकी दिक्कत करना शुरू कर देती है। जबकि उस दौरान गंगापुर सिटी का तापमान 42 के डिग्री आस-पास रहता था।
पहला जिला बना सवाई माधोपुर
ऐसे में गंगापुर सिटी के मतदान केन्द्रों पर किराए पर कूलर लगवाए गए। ताकि मतदान कक्ष का तापमान वीवीपैट के अनुकूल रहा। गंगापुर सिटी के एडीएम का यह नवाचार सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर को पसंद आया। उन्होंने पूरे जिले के मतदान केन्द्र पर कूलर की व्यवस्था करवाई। लोकसभा चुनाव 2019 में इस तरह का कदम उठाने वाले सवाई माधोपुर पहला जिला बना था।