इंडियन आर्मी में मेजर हैं ये एक ही गांव की राजपूत बेटी नवीना शेखावत व बहू प्रेरणा सिंह खींची
जयपुर। राजस्थान से देश को सर्वाधिक फौजी देने वाले झुंझुनूं जिले की बहू-बेटियां भी कम बहादुर नहीं हैं। यहां के बेटों के साथ अनेक बहू-बेटियां इंडियन आर्मी ज्वाइन कर सरहद की रक्षा कर रही हैं। झुंझुनूं का धनूरी गांव तो देशभर में फौजियों की सबसे बड़ी खान है, मगर आज हम आपको झुंझुनूं के ही ऐसे गांव लेकर चल रहे हैं, जहां की बहू और बेटी दोनों आर्मी में मेजर हैं। गांव का नाम है धमोरा।
कौन हैं धमोरा की फौजी अफसर बहू-बेटी
झुंझुनूं जिला मुख्यालय से गुढ़ागौड़जी की तरफ 46 किलोमीटर दूर स्थित गांव धमोरा के मनोहर सिंह शेखावत व रतन कंवर की बेटी नवीना शेखावत और सम्पत सिंह व मंजू कंवर की पुत्रवधू प्रेरणा सिंह खींची को भारतीय सेना में मेजर के पद तक पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ है। गांव धमोरा के साथ-साथ पूरे राजस्थान को दोनों पर गर्व है।
मेजर प्रेरणा सिंह खींची की जीवनी
भारतीय सेना में बतौर मेजर कार्यरत प्रेरणा सिंह खींची मूलरूप से जोधपुर की रहने वाली हैं। वर्तमान में इनका परिवार जयपुर में रह रहा है। जोधपुर के बैंक कर्मचारी नाथूसिंह खींची व संतोष कंवर के घर जन्मीं प्रेरणा सिंह खींची की शादी झुंझुनूं जिले के गांव धमोरा निवासी मान्धाता सिंह के साथ हुई। इनके सात साल की एक बेटी है। मान्धाता सिंह हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं।
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मेजर बनने वालीं धमोरा की पहली बहू
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में प्रेरणा सिंह खींची के ससुर सम्पत सिंह बताते हैं कि प्रेरणा को देशसेवा की सीख विरासत में मिली है। उनके नाना बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट व नाना सेना में रिशालदार के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। दादा और नाना के नक्शे-कदम पर चलते हुए प्रेरणा ने भी वर्ष 2011 में पहले ही प्रयास में इंडियन आर्मी ज्वाइन की। 17 सितम्बर 2017 को इन्हें मेजर पद पर पदोन्नति मिली। ये गांव धमोरा से मेजर बनने वाली पहली बहू हैं।
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मेजर नवीना शेखावत की जीवनी
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में गांव धमोरा निवासी मनोहर सिंह शेखावत बताते हैं कि वे खुद भी आर्मी में सेवाएं दे चुके हैं। जोधपुर में पोस्टिंग थी। तब बेटी नवीना का जन्म हुआ था। इनके छोटा भाई हितेंद्र सिंह शेखावत हैंं। मां रतन कंवर हाउस वाइफ हैं। नवीना शेखावत गांव धमोरा से पहली बेटी है, जो भारतीय सेना में मेजर बनी है।
मेजर नवीना कंवर का ससुराल पाली में
नवीना कंवर शेखावत ने वर्ष 2011 में बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना ज्वाइन की थी। फिर इन्हें मेजर के रूप में पदोन्नति मिली। वर्ष 2012 में नवीना शेखावत की शादी पाली जिले के गांव खौड़ के मिथिलेश सिंह के साथ हुई। मिथिलेश सिंह मेडिकल फील्ड में काम कर रहे हैं। पाली जिले से आर्मी में पहली महिला मेजर बनने का गौरव नवीना को मिला।
दोनों ही नहीं भूलीं परम्पराएं और संस्कार
कामयाबी मिलने के बाद अक्सर लोग अपनी परम्पराएं और संस्कार भूल जाते हैं, मगर इस मामले में नवीना शेखावत और प्रेरणा सिंह खींची दोनों की कहानी जुदा है। इस बात का सबूत यह है कि जब भी प्रेरणा और नवीना अपने मायके या ससुराल आती हैं तो राजस्थान की राजपूत महिलाओं की परंपरागत पोशाक में नजर आती हैं।
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