Lok sabha Election 2019: वोट डालने पहुंचीं दुल्हन बहनें, Rajasthan में 3 बजे तक 53.77% मतदान
Sirohi News, सिरोही। लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok sabha Election 2019 Rajasthan ) में राजस्थान सिरोही जिले के आकराभट्टा में पोलिंग बूथ पर दो बहनों ने शादी से पहले मतदान कर एक अनूठी मिसाल पेश की। इन दोनों बहनों की सोमवार को शादी होने वाली है, लेकिन इन्होंने शादी के दिन पहले मतदान करने का निश्चय किया। दोनों बहनें दुल्हन के परिधान में मतदान करने पहुंची।
इधर, राजस्थान में दोपहर एक बजे तक 53.77 प्रतिशत वोट डाले जा चुके हैं। इस मामले भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र सबसे आगे निकल गया है। बाड़मेर लोकसभा सीट के लिए 61.10 फीसदी मतदान हुआ है। बता दें कि चुनाव आयोग हर दो घंटे की वोटिंग के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपडेट कर रहा है।
जानिए राजस्थान के अन्य संसदीय क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत
टोंक में 46, अजमेर में 50.70, पाली में 51.50, जोधपुर में 56.54, बाड़मेर में 61.10, जालौर में 54.96, उदयपुर में 55.37, बांसवाड़ा में 58.39, चित्तौड़गढ़ में 55.93, राजसमंद में 51.34, भीलवाड़ा में 51, कोटा में 54.82, झालावाड़-बारां में 56.33 प्रतिशत मतदान हुआ है।
फेरों के बाद बूथ पर पहुंची दुल्हन
बारां। दुल्हन गुंजन फेरों के बाद दूल्हे के साथ राजकीय कन्या महाविद्यालय में बने मतदान केन्द्र पहुंची और मतदान किया। सजी-धजी कार में सवार होकर दूल्हे के साथ आई दुल्हन मतदाता का उत्साह देखते बना। बारां जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के कुल 1040 केन्द्रों पर मतदान हो रहा है। जिले में कुल 8 लाख 88 हजार 651 मतदाता हैं। अन्ता में 249, विधानसभा क्षेत्र किशनगंज में 247, विधानसभा क्षेत्र बारां-अटरू में 282 व विधानसभा क्षेत्र छबड़ा में 262 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं। सभी 101 संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर भी सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गए हैं।
पहले मतदान, फिर अंतिम संस्कार
यह मामला डूंगरपुर के नलवा गांव का है। यहां के रिटायर फौजी राजेन्द्र मेणात की पत्नी का 29 अप्रैल की सुबह निधन हो गया था। उधर, जिलेभर के मतदान केन्द्र पर सुबह 7 बजे से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान शुरू हो गया था। शोक में डूबे इस परिवार ने महिला के अंतिम संस्कार से पहले वोट देना जरूरी समझा।
राजेन्द्र, उसके पांच बेटे-बहू और परिवार अन्य सदस्य पहले गुमानपुरा मतदान केन्द्र पर वोट दिया और फिर महिला अंतिम संस्कार किया। राजेन्द्र के परिवार के इस फैसले पर हर कोई यही कहता नजर आया कि लोकतंत्र की ये ही असली ताकत है।