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पाकिस्तान की ओर से फिर आईं टिड्डियां, बॉर्डर के नजदीकी 400 गांवों में कोहराम मचा, 20 टीमें जुटीं

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जयपुर। पाकिस्तान की तरफ से टिड्डियों का दल फिर राजस्थान-गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में आ पहुंचा है। यहां जैसलमेर-बाड़मेर के करीब 400 गांवों की 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि में टिड्‌डी देखी गई हैं। इन टिड्डियों से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान होने की आशंका है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बीते 4 महीने में ही इन टिडि्डयों की तादाद करोड़ाें हो गई है। शुरुआत में प्रभावी उपाय न होने की वजह से स्थिति बेकाबू हुई। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से टिड्डियों को काबू करने वाले संसाधन जैसलमेर पहुंचाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि 20 टीमें नियंत्रण में जुटी हैं। मगर, टिड्डी दलों पर कंट्रोल नहीं हो पाया है। ​टिड्डियों की वजह से पोकरण, फतेहगढ़ व जैसलमेर के गांवों में कोहराम मचा हुआ है।

किसानों को अनुदान पर दिया जा रहा कीटनाशक

किसानों को अनुदान पर दिया जा रहा कीटनाशक

एक अधिकारी ने बताया कि ​सरकार की ओर से किसानों को ही कीटनाशक अनुदान पर दिया जा रहा है। एक हजार रुपए के कीटनाशक पर किसानों के खाते में 500 रुपए वापस जमा होंगे। इस योजना का मकसद है, किसान टिड्डी दल से निपटने के लिए खुद ही कीटनाशक स्प्रे कर पाएं, ताकि ​टीम की अनुपस्थिति में टिड्डियां न पनप सकें।

रविवार को इन क्षेत्रों में भी पहुंच गईं टिडि्डयां

रविवार को इन क्षेत्रों में भी पहुंच गईं टिडि्डयां

मीडिया में आई खबरों में बताया गया कि रविवार को बॉर्डर के सुंदरा, पांचला, बंधड़ा समेत कई गांवों में खेतों व पेड़ों पर टिडि्डयों का हमला हुआ। इससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। किसानों कोई रास्ता नहीं सूझ रहा।

इधर, गुजरात के सीमावर्ती जिलों में भी दहशत

इधर, गुजरात के सीमावर्ती जिलों में भी दहशत

पाकिस्तान की तरह से आने वाले टिट्डियों के दल से उत्तरी गुजरात के क्षेत्रों में भी दहशत फैल रही है। सुरक्षा के लिए कृषि विभाग की टीमों ने पिछले दिनों बनासकांठा जिले के वाव और सूइगाम तालुका में दवा छिड़की। इससे पहले जुलाई में भी अधिकारियों ने कहा था कि ज्यादातर टिड्डियां (Desert locust) नष्ट कर दी गईं।

अंडे बचे रह गए थे, इसलिए खतरा ज्यादा

अंडे बचे रह गए थे, इसलिए खतरा ज्यादा

मगर, किसान अभी भी चिंतित हैं, क्योंकि तब बड़ी संख्या में टिटिड्यों के अंडे बचे रह गए थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक टिट्डी 180 अंडे देती है। यदि 10 हजार टिट्डियों ने भी अंडे दिए होंगे तो फसलों पर बड़ा खतरा अब भी मंडरा रहा है।

इसलिए किसानों के लिए बरबादी का प्रतीक हैं ये टिट्डी

इसलिए किसानों के लिए बरबादी का प्रतीक हैं ये टिट्डी

रण टिड्डियां अंतरराष्ट्रीय कीट हैं और कृषि का पुराना दुश्मन है, जो दुनिया के कई देशों में फैले हुए हैं। टिड्डियों का झूंड 60 देशों के लगभग तीन करोड़ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।

80,000 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करती हैं

80,000 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करती हैं

रण टिड्डियां ओमान, सउदी अरब, इरान, पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती राज्य राजस्थान, पंजाब और गुजरात में आक्रमण करती है। इन क्षेत्रों मे एक साथ 80,000 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करती हैं।

पढ़ें: पाकिस्तान की ओर से आई टिट्डियां गुजरात में कृषि टीमों ने नष्ट कीं, अब उनके अंडे बन गए हैं किसानों की चिंतापढ़ें: पाकिस्तान की ओर से आई टिट्डियां गुजरात में कृषि टीमों ने नष्ट कीं, अब उनके अंडे बन गए हैं किसानों की चिंता

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English summary
Locusts from Pakistan endanger crops in rajasthan-gujarat border villages
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