ये हैं जयपुर के किटाणु-जीवाणु, मासूम बच्चियों का अपहरण कर किया रेप, पुरुषों से भी बनाए संबंध
जयपुर। 22 जून और 1 जुलाई 2019 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो मासूम बच्चियों का अपहरण करके दुष्कर्म करने वाले आरोपी जीवाणु और उसका दोस्त किटाणु उर्फ रफीक एक बार फिर चर्चा में है। करीब पांच माह से फरार चल रहे आरोपी किटाणु को भी भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जीवाणु को घटना के सप्ताहभर के भीतर ही पकड़ लिया गया था।
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मासूम बच्चियों के साथ हुए इस जघन्य अपराध ने जयपुर के साथ-साथ पूरे राजस्थान को झकझोर दिया था। जयपुर के शास्त्रीनगर में तो बवाल मच गया था। आरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए थे। लाठीचार्ज करना पड़ा था। कई पुलिस थाना इलाकों में इंटरनेट पर भी पाबंदी लगानी पड़ी थी।
किटाणु 1996 से करता है चोरी
जयपुर डीसीपी नार्थ डॉ.राजीव पचार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रफीक उर्फ किटाणु निवासी आरके होटल, भट्टा बस्ती थाना क्षेत्र है। इसके खिलाफ ज्यादातर चोरी व नकबजनी के अलावा मारपीट और अवैध धारदार हथियार रखने के मुकदमे भी दर्ज है। वह वर्ष 1996 से गाड़ियों के शीशे तोड़कर उसमें रखे सामान चुराता है। एडिशनल डीसीपी नार्थ धर्मेंद्र सागर के निर्देशन में एसीपी शास्त्री नगर महावीर सिंह व भट्टा बस्ती थानाप्रभारी शिवनारायण के नेतृत्व में वांटेड बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई थी। इसमें शामिल शिवाजी नगर चौकी प्रभारी हैडकांस्टेबल शीशराम के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शुक्रवार को फरार चल रहे रफीक उर्फ किटाणु को पकड़ा गया।
जीवाणु व किटाणु निकलना चाहते थे एक-दूसरे से आगे
एडिशनल डीसीपी धर्मेंद्र सागर ने बताया कि करीब 20 साल पहले रफीक उर्फ किटाणु भट्टा बस्ती थाने में चोरी के मुकदमे में बंद हुआ था। तभी कुख्यात बदमाश जाहिद उर्फ जीवाणु भी भट्टा बस्ती में एक अन्य चोरी के केस में बंद हुआ था। तब जीवाणु और किटाणु की मुलाकात हुई। शुरुआत में जीवाणु के मुकदमे कम और किटाणु के केस ज्यादा थे। ऐसे में जीवाणु और किटाणु के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई। किटाणु ने पूछताछ में खुलासा किया कि जीवाणु ने उसे कहा था कि अपराध की दुनियां में उसके मुकदमे किटाणु से ज्यादा होंगे। भट्टा बस्ती में मेरा नाम किटाणु से ज्यादा बड़ा होगा। इस होड़ में वे दोनों ज्यादा से ज्यादा चोरी व नकबनजी की वारदातें करने लगे।
इसलिए कहलाए जीवाणु और किटाणु
ऐसे में दोनों बदमाशों के तेजी से चोरी की वारदातें करने पर लोगों ने इन्हें जीवाणु और किटाणु कहना शुरु कर दिया। ये जेल में साथ रहते और पकड़े जाते। जमानत पर बाहर आकर एक दूसरे से बड़ा बनने के लिए अलग अलग चोरियां करते। लेकिन इनमें जीवाणु नशे की लत में पड़ गया। उसने वर्ष 2011 में मुरलीपुरा में एक नाबालिक बच्चे से कुकर्म किया और उसकी हत्या कर दी।
साइको क्रिमीनल बन गया जीवाणु
जीवाणु ने गत 22 जून और 1 जुलाई को भट्टा बस्ती में पांच और सात साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया। उन्हें लावारिस छोड़ गया। इसके बाद बच्चियों के समुदाय से जुड़े लोगों ने शास्त्री नगर में जमकर उपद्रव मचाया। गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ व पथराव किया। इससे कई दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी। तब वारदात के पांच दिन बाद पुलिस ने जीवाणु को कोटा से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में जीवाणु के करीब 30 मुकदमे दर्ज होने और किन्नरों सहित अन्य लोगों से समलैंगिक संबंध होने तथा कई अन्य गंदी वारदातों का खुलासा हुआ। मामले में जीवाणु को पकड़ने वाले दो पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई।