जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल : CM अशोक गहलोत बोले-राजस्थान की शान है JLF
जयपुर। दुनियाभर में प्रसिद्ध जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ( JLF) के 13वें संस्करण का आगाज गुरुवार से हुआ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डिग्गी पैलेस में जेएलएफ का शुभारंभ किया। शुभारंभ समारोह करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि साहित्य के इस महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 की शुरुआत 12 साल पहले की गई थी। उस दौरान सौभाग्य से मैं ही राजस्थान का मुख्यमंत्री था। आयोजकों को धन्यवाद।
23 से 27 जनवरी तक चलेगा जेएलएफ 2020
उन्होंने इस आयोजन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल राजस्थान की शान है। तमाम साहित्यकार इस फेस्टिवल का इंतजार करते है। इसमें मन की और काम की बात होती हैं। यहां मेरी और सरकार की ओर से पधारे मेहमानों का स्वागत है। 23 से 27 जनवरी तक होने वाले जेएलएफ 2020 में हर साल की तरह इस बार भी वक्ताओं के तौर पर लेखक, राजनेता, फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियां और पत्रकार कला, फैशन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, करेंट अफेयर्स, लेखन, समाज और जीवित भाषाओं आदि विषयों पर अपनी बात रखेंगे।
प्रधानमंत्री को लोगों के बीच आकर उनसे बात करनी चाहिए
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंची एक्ट्रेस, डायरेक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता नंदिता दास ने कहा कि एनआरसी और सीएए का मेल देश की मूल आत्मा पर प्रहार है। इस देश का मूल इससे कई अलग है। देश के प्रधानमंत्री को लोगों के बीच आकर उनसे बात करनी चाहिए। देशभर को एक प्रोटेस्ट में जानबूझकर झोंक दिया गया है। इस पर भी प्रधानमंत्री को फुरसत नहीं कि वो जाकर लोगों से बात करें। नागरिक के तौर पर देश में हर किसी को केंद्र सरकार के किसी भी फैसले के खिलाफ बात करने का अधिकार है, विरोध का अधिकार है।
सरकार विरोध नहीं चाहती-नदिता दास
जेएनयू और जामिया मिलिया में जिस तरह से हमले हुए वो इस अधिकार पर हमला है। सरकार विरोध नहीं चाहती। क्यों नहीं चाहती? पूरा देश शाहीन बाग हो गया है और आईटी सेल वाले उन विरोध के लिए डटी महिलाओं पर बहुत ही हल्के स्तर पर जाकर आरोप लगा रहा है।