बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में इस कांस्टेबल ने लगा दी जान की बाजी, अब मिला बहादुरी को इनाम
जयपुर। 'शाम का वक्त था। अचानक सूचना मिली कि बदमाश चैन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम देकर भाग गए। वो दो थे और उनके पीछे हम दो सिपाही। वे बेखौफ थे तो हमारे भी हौसले बुलंद थे, तुरंत उनके पीछे लग गए। करीब दो किलोमीटर तक की दौड़ लगानी पड़ी, मगर उनको पकड़कर ही दम लिया।'
यह स्टोरी जयपुर के सिपाही प्रेमचंद और झाबरमल की है। दोनों ने सितम्बर 2016 में चैन स्नेचरों को पकड़ने में गजब की बहादुरी दिखाई थी। अब दोनों को पदोन्नत किया गया है। 5 अगस्त 2019 को महानिदेशक पुलिस राजस्थान की ओर से जारी आदेश में दोनों को ड्यूटी के दौरान उल्लेखनीय कार्य करने पर सहायक उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई है।
बदमाशों ने तान दी थी बंदूक
जयपुर के विद्याधरनगर के सुंदर पार्क के सेक्टर-1 में हुई यह वारदात इतनी खौफनाक थी कि बदमाशों ने सिपाही प्रेमचंद व झाबरमल पर बंदूक तान दी थी। सिपाहियों से हाथापाई भी करने लगे थे, मगर दोनों से सामना किया। हालांकि यह विडम्बना है कि हाथापाई के दौरान लोग तमाशा देखते रहे। कोई सिपाहियों की मदद को आगे नहीं आया।
90 दिन में स्नेचिंग की 38 वारदात
सिपाही प्रेमचंद और झाबरमल ने बदमाशों को पकड़ने में अपनी जान की भी परवाह नहीं की। उन्हें पकड़ लिया। उनकी पहचान अमृतसर निवासी मनप्रीत और राजवीर के रूप में हुई थी। बाद में पुलिस पूछताछ में पता चला कि दोनों बदमाशों ने 90 दिन में चैन स्नेचिंग की 38 वारदातों को अंजाम दिया था। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने देसी कट्टा, कारतूस, पिस्टल, मोटरसाइकिल बरामद की।
वारदात
करके
भाग
जाते
थे
अमृतसर
आरोपी
मनप्रीत
व
राजवीर
कभी
मोटरसाइकिल
तो
कभी
ट्रेन
व
बस
से
जयपुर
आते
थे।
यहां
पर
रेलवे
स्टेशन
सिंधी
कैंप
के
पास
होटल
में
रुकते
थे।
दोनों
आरोपी
चेन
स्नेचिंग
करके
वापस
अमृतसर
चले
जाते
थे।
मोटरसाइकिल
सिंधी
कैंप
बस
स्टैंड
पर
पार्किंग
में
खड़ी
कर
जाते
थे।
खास
बात
यह
है
कि
वारदात
को
अंजाम
देने
के
बाद
भागते
समय
रास्ते
में
पगड़ी
लगा
देते
थे
ताकि
पुलिस
व
आमजन
को
चकमा
दिया
जा
सके।