जयपुर में भीख मांग रहे एमए-एमकॉम तक पढ़े-लिखे लोग, पुलिस सर्वे में बताई यह मजबूरी
जयपुर। राजस्थान में भिखारी उन्मूलन एवं पुनर्वास कानून को लेकर जयपुर पुलिस की ओर से करवाए गए सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जयपुर की सड़कों पर, धार्मिक स्थलों के आस-पास समेत कई सार्वजनिक स्थानों पर एमए-एमकॉम डिग्री धारक लोग भीख मांगते नजर आए हैं।
1162 भिखारी मिले भीख मांगते
दरअसल, राजस्थान सरकार भिखारियों का पुनर्वास करना चाहती है। इसलिए जयपुर पुलिस के कांस्टेबलों के जरिए राजधानी में सर्वे करवाकर भिखारियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। सर्वे में विभिन्न जगहों पर 1162 लोग भीख मांगते मिले हैं, इनमें पवन, जगदीश, मुकेश पोस्ट ग्रेजुएशन और रमेश व शैलेष आदि भिखारी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त हैं।
गोविंदगढ़ का पवन
34 साल के पवन जयपुर में अजमेर रोड पर 200 फीट बाइपास पर भीख मांगते मिले। ये जयपुर जिले के गोविंदगढ़ के रहने वाले हैं। एमकॉम किए हुए हैं। पहले एक फैक्ट्री में काम करते थे। काम छूट जाने के बाद चौराहे पर बैठकर भीख मांगना शुरू कर दिया।
डूंडलोद का मुकेश
38 साल का मुकेश राजस्थान के झुंझुनूं जिले के डूंडलोद का रहने वाला है। जयपुर में छोटी चौपड़ पर भीख मांगता है। मुकेश ने एमए तक की पढ़ाई कर रखी है। मुकेश अविवाहित है। फुटपाथ पर सोकर ही रात गुजारता है। मुकेश कहते हैं कि 25 साल की उम्र में स्नातक करने के बाद जयपुर में काम की तलाश में आया था। यहां कोई काम नहीं मिला। रहने-खाने का कोई ठिकाना नहीं होने के कारण भीख मांगना पड़ा।
419 बोले-काम मिले तो छोड़ दे भीख मांगना
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा करवाए गए इस सर्वे में कुल 1162 भिखारी भीख मांगते मिले। इनमें से 419 भिखारियों ने कहा कि अगर उन्हें कोई काम मिलता है तो वह भीख मांगना छोड़ कर काम करने के लिए तैयार हैं।
क्यों आई भीख मांगने की नौबत?
जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा कहते हैं कि राजस्थान सरकार इन भिखारियों का पुनर्वास करना चाहती है, जिसके लिए हमारे पुलिस कांस्टेबल सर्वे कर रहे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि पोस्ट ग्रेजुएशन और ग्रेजुएशन करने के बाद आखिर उन्हें किन परिस्थितियों में भीख मांगने की नौबत आई।
हमें सिर्फ भीख ही मांगना है
जयपुर पुलिस के सर्वे में 419 भिखारियों ने जहां काम मिलने पर मेहनत करके पेट भरने की इच्छा जताई। वहीं, 116 भिखारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने कहा कि वे अब कोई और काम नहीं करना चाहते हैं बल्कि भीख ही मांगना चाहते हैं। इनके अलावा 27 भिखारियों ने पढ़ने की इच्छा जाहिर की है।
जयपुर में कहां कितने भिखारी?
कोतवाली एरिया में 119
अशोक
नगर
में
180
मोती
डूंगरी
क्षेत्र
में
85
लालकोठी
इलाके
में
58
सिंधी
कैंप
के
पास
64
गांधीनगर
में
39
शास्त्रीनगर
व
ब्रह्मपुरी
में
37
प्रतापनगर
क्षेत्र
में
46
जयपुर में भिखारियों के आंकड़े
-कुल 1162 लोग भीख मांगते मिले।
-825
भिखारी
अनपढ़
हैं।
-39
भिखारी
पढ़े-लिखे
हैं।
-193
भिखारी
सिर्फ
साक्षर
हैं।
-27
भिखारी
पढ़ना
चाहते
हैं।
जयपुर में कहां के कितने भिखारी?
जयपुर पुलिस के सर्वे में सामने आए भिखारियों में से 809 भिखारी राजस्थान के हैं। 95 उत्तर प्रदेश के हैं। मध्य प्रदेश के 63, बिहार के 45, पश्चिम बंगाल के 37, गुजरात के 25, महाराष्ट्र के 15 और देश के अन्य हिस्सों के बाकी हैं। पुरुष भिखारियों की संख्या 939 और महिलाओं की संख्या 223 है।
कैसी है जयपुर के भिखारियों की हैल्थ?
जयपुर पुलिस के सर्वे में पता चला कि 898 भिखारियों की सेहत ठीक है। 150 भिखारी विशेष रूप से विकलांग हैं। जबकि 18 भिखारी अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे हैं। छह भिखारियों के तपेदिक की बीमारी है। एक के कैंसर है। शेष छोटी बीमारियां है।
जयपुर में भिखारियों के सर्वे का मकसद
प्रोजेक्ट इंचार्ज और एसीपी (प्रशासन) नरेंद्र दाहिमा कहते हैं कि मई माह में सर्वे पूरा हो चुका है। सर्वे का मकसद जयपुर में भिखारियों की पहचान करना और फिर उनके पुनर्वास की योजना बनाना है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की गई है कि उनके किसी भिख मंगवाने वाली गैंग का शिकार तो नहीं हैं।
भिखारी उन्मूलन एवं पुनर्वास बिल
बता
दें
कि
राजस्थान
सरकार
ने
सोमवार
को
राजस्थान
विधानसभा
में
भिखारी
उन्मूलन
एवं
पुनर्वास
बिल
पास
कर
दिया
है।
सामाजिक
संगठनों
के
जरिए
भिखारियों
के
लिए
पुनर्वास
केंद्र
बनाए
जा
रहे
हैं।
मुख्यमंत्री
अशोक
गहलोत
ने
कहा
है
कि
राजस्थान
को
भिखारी
मुक्त
प्रदेश
बनाना
है।
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