राजस्थान : Fb पर अनुष्का चोपड़ा के हनीट्रैप में फंसे विकास-चिमनलाल, फिर बने ISI के जासूस
जयपुर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान से पकड़े गए विकास और चिमनलाल से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। इन्होंने पूछताछ में देश से गद्दारी करने की पूरी कहानी सिलसिलेवार बयां कि जिसे सुनकर सुरक्षा एजेंसियां भी चौंक गई। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना से जुड़ी गुप्त सूचनाएं भेजने के इस पूरे खेल की शुरुआत फेसबुक पर अनुष्का चोपड़ा नाम से बनी फेसबुक आईडी से हुई। वर्ष 2019 में विकास तिलोतिया के पास अनुष्का चोपड़ा नाम की आईडी से फेसबुक पर रिक्वेस्ट आई थी।
फेसबुक के बाद वॉट्सएप पर होने लगीं बातें
पहले दोनों फेसबुक पर दोस्त बने। फिर इनके बीच मैसेज पर बातचीत शुरू हो गई। दोनों ने एक-दूसरे के वॉट्सएप नंबर भी ले लिए। दोनों में चेट और वीडियो कॉल भी होने लगी। फेसबुक वाली अनुष्का चोपड़ा ने विकास को बताया कि वह मुंबई में कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) मुख्यालय में काम कर रही है। उसने विकास को कई वॉट्सएप ग्रुप ज्वाइन कराए। जिसमें वो खुद भी जुड़ी हुई थी।
अनुष्का के बॉस से भी मिला विकास
यह भी आया है कि महिला ने विकास को अपने बॉस अमित कुमार सिंह (हैंडलर) से मिलवाया। वह एक भारतीय वॉट्सएप नंबर का इस्तेमाल करता था। हैंडलर ने विकास को पैसों के बदले सेना की सूचना देने के लिए तैयार कर लिया। विकास ने जो जानकारी हैंडलर को दी वे ज्यादातर चिमन लाल से ली थीं। जांच में सामने आया है कि अनुष्का और विकास नाम के शख्स पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करते हैं।
एमआई लखनऊ से मिली थी सूचना
राजस्थान के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि लखनऊ स्थित मिलिट्री इंटेलिजेंस ने राजस्थान राज्य विशेष शाखा को सेना की गुप्त जानकारी आईएसआई के हाथों में पहुंचाने वाले संदिग्धों की सूचना दी थी, जिसके बाद विकास तिलातिया और चिमनलाल नायक की गतिविधियों पर नजर रखी शुरू की गई।
विकास मंडावा का, चिमनलाल बीकानेर का
सूचना पुख्ता होने पर 8 जून को श्रीगंगानगर एफएडी में कार्यरत सिविल डिफेंसकर्मी (ट्रेडमैन) विकास तिलोतिया निवासी किसारी मंडावा झुंझुनूं और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज बीकानेर में कार्यरत संविदाकर्मी चिमनलाल नायक निवासी अजीतमाना बीकानेर को संयुक्त पूछताछ केन्द्र लाया गया। पूछताछ और इनके पास मिले मोबाइल फोन की जांच की। देश से गद्दारी की सूचना पुख्ता होने पर सोमवार को विशेष पुलिस थाना जयपुर ने धारा 3, 3/9 शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 में अभियोग दर्ज कर दोनों को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
छह वर्ष से सेना में नौकरी कर रहा है विकास
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार झुंझुनूं के किसारी गांव का विकास पिछले दस वर्ष से गंगानगर आयुध डिपो में सिविल डिफेंसकर्मी (ट्रेडमैन) की नौकरी कर रहा था। विकास की पूरी पढ़ाई बाड़मेर में हुई है। विकास बाड़मेर में आइटीआइ कर 2014 में श्रीगंगानगर आयुध डिपो में सिविल डिफेंसकर्मी की नौकरी लगा। विकास के पिता इंद्राजसिंह भी आर्मी में थे और रिटायर होने के बाद बाड़मेर आयुध डिपो में नौकरी करने लगे।
हवाला के जरिए खातों में जमा हुआ पैसा
सेना से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान जासूसों को हवाला के जरिए पैसा भेज रहा है। विकास और चिमनलाल को भी खाड़ी देशों के माध्यम से हवाला के जरिए पैसा भेजा गया। इन हवाला कारोबारियों ने कुछ पैसा विकास, चिमनलाल और इनके रिश्तेदारों के बैंक खातों में भी जमा करवाया है। सुरक्षा एजेंसियां इनके खातों की जांच कर रही है। ऐसे में विकास के परिजन हेमंत को भी पकड़ा गया है।
आईएसआई को भेजी ये जानकारी
जांच के दौरान पता चला कि विकास कुमार ओरबेट (ऑर्डर ऑफ बेटल, कंपोजिशन एंड ऑडर ऑफ मिलिट्री फाइटिंग फॉर्मेशन), गोला-बारूद की फोटो, मात्रा, प्रकार, आगमन और प्रस्थान से संबंधित सैन्य जानकारी पाकिस्तान पहुंचा रहा था। जो की अभ्यास के लिए आने वाला सामान था। जांच में ये भी पाया गया कि विकास अपने भाइयों के बैंक खातों के जरिए भुगतान प्राप्त करता था। जो महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पानी के टैंकर की सप्लाई करता था।
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