Jaipur Rain : पानी के बाद मिट्टी बनी आफत, लोग मिट्टी हटाकर निकाल रहे वाहन-घरेलू सामान, देखें 15 तस्वीरें
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 14 अगस्त 2020 को आसमां से आफत बरसी। पूरा जयपुर 'जलपुर' बन गया। गली-मोहल्ले और सड़कें जलमग्न हो गई। 6 लोगों की तो मौत हो चुकी है। 39 साल के बाद जयपुर में महज 10 घंटे में 7.24 इंच बारिश हुई, जिससे पूरा शहर दरिया बन गया। बारिश के दौरान लोगों की जान पर बन आई। कई लोग मरते-मरते बचे है। बारिश थमने के बाद जयपुर में तबाही का जो मंजर दिखा उससे लोगों की रूह कांप उठी। पहले पानी और फिर मिट्टी ने लोगों को रुला दिया। पानी में जहां कई वाहन व घरेलू सामान बह गया। वहीं, बड़ी संख्या में वाहन और घरेलू सामान मिट्टी में दफन हो गया।
आइए कुछ तस्वीरों के जरिए जानते हैं जयपुर में बारिश की वजह से हुई तबाही। और साथ ही में बारिश के दौरान जयपुर के लोगों की जान किस तरह से जोखिम में पड़ी।
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फोटो नम्बर एक
-जयपुर में दिल्ली रोड स्थित संकटमोचक हनुमान मंदिर के सामने पहाड़ी टूटकर हाइवे पर गिरी।
फोटो नम्बर दो
-आमेर के सराय बावड़ी में मकान गिरा, टीम ने बीस लोगों को सुरक्षित निकाला।
फोटो नम्बर तीन
-चौड़ा रास्ता तेलीपाड़ा में सरकारी स्कूल में पानी भरने से 16 शिक्षिकाएं फंस गई। आपदा प्रबंधन की टीम ने उन्हें सुरक्षित निकाला।
फोटो नम्बर चार
-जवाहर नगर में फिर पानी भर गया। 25 परिवारों को वहां से सुरक्षित निकाला।
फोटो नम्बर पांच
-जयपुर में 1981 में बाढ़ आई थी। तब 19 जुलाई को 326 एमएम पानी एक ही दिन में बरसा।
फोटो नम्बर छह
-अब 39 साल बाद 14 अगस्त 2020 को एक ही दिन में 184 एमएम बारिश हुई है।
फोटो नम्बर सात
-इससे पहले 16 अगस्त 1959 को एक दिन में 188.4 एमएम बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
फोटो नम्बर आठ
-मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन बीकाने से जयपुर होकर गुजरने के कारण भारी बारिश हुई है।
फोटो नम्बर नौ
-बंगाल की खाड़ी में कम दवाब का क्षेत्र बनने और पूर्वी राजस्थान पर अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम बनना भी बारिश की वजह बना।
फोटो नम्बर दस
-मौसम विभाग ने 18 अगस्त तक के लिए जयपुर, अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा आदि में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
फोटो नम्बर ग्यारह
-रामगढ़ बांध में चार फीट पानी की आवक। राहौरी समेत तीन अन्य छोटे बांध टूटे।
फोटो नम्बर बारह
-जयपुर में बारिश की वजह से छह लोगों की मौत हुई है। इनमें पति और पोता शामिल है। वहीं कोनोता बांध के पास बोलेरो सवार तीन लोगों को बचा लिया गया।
फोटो नम्बर तेरह
जयपुर में भारी बारिश के दौरान एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चो संभाला। आपदा राहत कार्य कर लोगों को बचाया।
फोटो नम्बर चौदह
एसडीआरएफ के अलावा सिविल डिफेंस के 96 स्वयं सेवकों की नौ टीमों को भी राहत व बचाव कार्य में लगाया गया। सिविल डिफेंस के 200 स्वयं सेवकों ने बाढ़ व बचाव कार्य किया।
फोटो नम्बर पन्द्रह
जयपुर में 1981 को आई बाढ़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पांच बत्ती से करतारपुरा नाले पर बनी पांच पुलिया बह गई थी।
जयपुर की भारी बारिश ने याद दिला दी साल 1959 की, इन 10 तस्वीरों ने देखें पानी का खौफनाक मंजर