Gurjar Andolan Update : राजस्थान विधानसभा में आरक्षण बिल पारित होते ही बैंसला ने कही यह बात
Jaipur News, जयपुर। राजस्थान में चल रहे गुर्जर आरक्षण आंदोलन के छठे दिन सबसे राहत भरी खबर आई है। आरक्षण बिल विधानसभा में पास हो गया है। विधानसभा के लेखानुदान सत्र में पेश किया गया पांच फीसदी आरक्षण बिल का प्रस्ताव पारित हो गया। इससे नियमों के संशोधन होने के बाद गुर्जरों समेत पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण मिलने की उम्मीद है।
इधर, गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ है कि राजस्थान विधानसभा में आरक्षण बिल पारित कर दिया गया। अब मैं यह चाहता हूं कि सभी नेता, मंत्री, विधायक, कानून विशेषज्ञ व बुद्धिजीवी इसकी समीक्षा करें।
इससे पहले का कुछ यूं चला घटनाक्रम
राजस्थान में गुर्जर आंदोलन 2019 को आज छठा दिन है। सैकड़ों गुर्जर 8 फरवरी से दिल्ली-मुम्बई रूट के मलारना डूंगर रेलवे स्टेशन के पास मकसूदनपुरा में रेल पटरियों समेत प्रदेश के कई सड़क मार्गों पर जाम लगाए बैठे हैं। 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण के नोटिफिकेशन की मांग को लेकर शुरू हुए गुर्जर आंदोलन को लेकर बुधवार को राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया।
केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने बुधवार को राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन विधेयक को विधानसभा के सदन में रखा। सब कुछ उम्मीद के अनुसार हुआ तो गुर्जरों समेत पांच जातियों को सरकारी नौकरियों और स्कूल-कॉलेजों में आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। आरक्षण बिल विधानसभा में पेश किए जाने के बाद बड़ा सवाल यह उठा कि क्या अब राजस्थान गुर्जर आंदोलन खत्म हो जाएगा। इस सवाल का जवाब आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने खुद दिया है।
राजस्थान से बाहर पहुंची गुर्जर आंदोलन की 'चिंगारी', मेरठ में रेल पटरियों पर धरना-प्रदर्शन
मीडिया से बातचीत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए गए बिल का पहले अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही फैसला लेंगे कि आंदोलन खत्म करें या नहीं। फिलहाल आंदोलन जारी है। अभी इस बारे में कोई फैसला लेना जल्दबाजी होगी।
हमारी मांग 5 फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन
बैंसला व गुर्जरों के अन्य नेताओं ने यह भी कहा कि उनकी मांग विधानसभा में आरक्षण बिल पेश करने की नहीं बल्कि पांच फीसदी आरक्षण के नोटिफिकेशन जारी करने की है। इसी मांग को लेकर 26 दिन पहले सरकार को बीस दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। निर्धारित अवधि तक भी नोटिफिकेशन जारी नहीं होने पर ही आंदोलन किया गया है।