ये हैं दिव्या खंडेलवाल, जानिए कैसे उजागर किया करोड़ों का 'काला सच'
जयपुर। मिलिए जयपुर की दिव्या खंडेलवाल से। ये दबंग अफसरों में से एक हैं। राजस्थान में सरकारी दवा की दुकानों पर राज्य उपभोक्ता भंडार (कॉनफेड) के कर्मचारियों करोड़ों का 'काला सच' उजागर करने वाली दिव्या खंडेलवाल एक बार फिर चर्चा में है। इस बार अपने तबादले की वजह से।
बता दें कि शुक्रवार को जारी 24 अधिकारियों की सूची में महाप्रबंधक दिव्या का तबादला टोंक सीसीबी में किया गया है। इससे पहले दिव्या खंडेलवाल ने 24 अगस्त 2019 को मेडिकल अनुभाग और गोदाम का औचक निरीक्षण किया था। इसके बाद एक टीम के साथ वहां की पड़ताल कर 29 अगस्त 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।
READ : नाग ने कई साल बाद लिया नागिन की मौत का बदला! किसान का खेत से पीछा करता कमरे तक आ गया
महाप्रबंधक दिव्या खंडेलवाल ने अपनी जांच रिपोर्ट में खुलासा किया था कि कॉनफेड के कर्मचारी सरकारी दवा की दुकान की आड़ में करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। कर्मचारी दुकानों पर आपूर्ति करने वाली कम्पनी व वितरक कम्पनियों से जुड़े हैं। कमीशन के चक्कर में बड़ी कम्पनियों को भी विभाग तब ही ऑर्डर देता है, जब वे कर्मचारियों से जुड़ी कम्पनियों को वितरक नियुक्त करते हैं।
Alwar : लादेन गैंग से बदला लेने आई डॉ. कुलदीप की गैंग कर गई बहरोड़ पुलिस थाने पर हमला, VIDEO
एक ही कम्पनी के दो वितरिक होने पर अधिक ऑर्डर व भुगतान चहेती कम्पनी को होता है। छद्म नाम से चल रहीं कर्मचारियों की कम्पनी को भुगतान भी क्रम तोड़कर किया जा रहा है। रिपोर्ट में भुगतान के दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा गया कि एक ही कम्पनी को लगातार भुगतान किया जा रहा है जबकि अन्य कम्पनियों के भुगतान बकाया हैं।
Recommended Video
महाप्रबंधक की रिपोर्ट से विभाग में हलचल मच गई। कुछ कर्मचारियों ने इस कार्रवाई का विरोध भी किया। जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई से पहले अतिरिक्त रजिस्ट्रार विजय कुमार शर्मा ने मेडिकल अनुभाग के प्रबंधक मनोज मान से जवाब मांगा था। मनोज मान इस पर टिप्पणी भी दे चुके हैं। रिपोर्ट पर अन्तिम निर्णय होने से पहले ही विभाग ने महाप्रबंधक व प्रबंधक को हटा दिया।