Rajasthan Crisis : ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा 'गहलोत वसुंधरा गठजोड़', जानिए इनसाइड स्टोरी
जयपुर। राजस्थान की राजनीति पल-पल रंग बदल रही है। साजिश, सबूत और गठजोड़ ट्रेंड में है। बीते पांच दिन से सूबे की सियासत में शह और मात का जबरदस्त खेल चल रहा है। सियासी भंवर में फंसी अशोक गहलोत की सरकार गिरेगी या बचेगी। यह तस्वीर अभी धुंधली है। इस दौरान राजस्थान के नेताओं के बीच जुबानी जंग के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी पॉलिटिकल वॉर चल रहा है। नित नए टॉपिक ट्रेंड बन रहे हैं। 16 जुलाई को ट्विटर पर 'गहलोत वसुंधरा गठजोड़' टॉप ट्रेंड में शामिल हुआ। रात आठ बजे तक #गहलोत_वसुंधरा_गठजोड हैशटेग के साथ 16 हजार से ज्यादा ट्वीट व रीट्वीट किए गए। ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे #गहलोत_वसुंधरा_गठजोड हैशटेग की इनसाइड स्टोरी समझने के लिए चार बातों को जानना जरूरी है।
1. वसुंधरा राजे की खामोशी
राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खामोशी सुर्खियों में है। 11 जुलाई से लेकर 16 जुलाई की शाम तक वसुंधरा राजे ने 17 ट्वीट किए हैं, मगर इनमें से एक भी ट्वीट राजस्थान की राजनीति में मौजूदा घमासान को लेकर नहीं है। ना ही मीडिया से बातचीत में राजे की कोई टिप्पणी सामने आई है। राजधानी जयपुर में जारी सियासी घमासान का नजारा राजे अपने धौलपुर स्थित महल में बैठकर देख रही हैं। मंगलवार-बुधवार को जयपुर में आयोजित भाजपा की बैठक में भी वे शामिल नहीं हुईं। राजनीतिक हलकों में राजस्थान के सियासी संकट पर वसुंधरा की चुप्पी टूटने का हर किसी को इंतजार है।
2. अशोक गहलोत का पायलट पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भाजपा और सचिन पायलट खेमे पर हमलावर हैं। राज्यसभा चुनाव 2020 के पहले से ही अशोक गहलोत भाजपा आलाकमान पर राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश का आरोप लगाते आ रहे हैं। यहीं से पूरे राजस्थान के राजनीतिक संकट की शुरुआत हुई थी। मामला एसओजी में भी गया। एसओजी ने पूछताछ के लिए डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नोटिस तक दे डाला। सियासी भूचाल तो तब आया जब 15 जुलाई 2020 को अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में खुलकर आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट उनकी सरकार गिराने की कोशिशों में लगे थे। वे भाजपा से करोड़ों रुपए में विधायक खरीदने की डील कर रहे थे।
3. पायलट का सीएम गहलोत पर वसुंधरा की मदद का आरोप
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया तो सचिन पायलट ने भी अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर सियासी तलवार निकाल ली। पायलट ने गहलोत पर आरोप लगाया है कि गहलोत जनता से किए वादे पूरे करने की बजाय भाजपा की पिछली सीएम वसुंधरा राजे की मदद में व्यस्त हैं। पायलट ने कहा कि राजे ने 2017 में जयपुर का सरकारी बंगला जीवनभर के लिए खुद को आवंटित कर लिया था। पिछले साल राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश निरस्त कर दिया। हाईकोट के आदेश की पालना करने की बजाय गहलोत सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।
सत्ता में आने के बाद गहलोत ने कुछ नहीं किया
पायलट ने कहा कि हमने राजे सरकार के दौरान दी गई खनन की अवैध लीज के बारे में अभियान चलाया। उन सभी आवंटन को निरस्त करने के लिए मजबूर किया। सत्ता में आने के बाद गहलोत ने कुछ नहीं किया बल्कि उसी रास्ते पर चल पड़े। पायलट ने यह भी कहा कि मैं भाजपा के किसी भी नेता से नहीं मिला हूं। छह माह से ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी नहीं मिला। अब अपने साथियों के साथ चर्चा करूंगा कि आगे क्या करना है।
4. हनुमान बेनीवाल का दावा-वसुंधरा बचा रहीं गहलोत सरकार
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के निशाने पर अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों ही हैं। 16 जुलाई को हनुमान बेनीवाल ने #गहलोत_वसुंधरा_गठजोड हैशटेग के साथ कई ट्वीट करके आरोप लगाया है कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। वो लगातर कांग्रेस पार्टी में उनके नजदीकी विधायकों से बात भी कर रही हैं। इस बात के उनके पास पुख्ता सबूत हैं।
अशोक गहलोत तथा वसुंधरा राजे बीच सत्ता को लेकर गठजोड़
बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया है कि वसुंधरा राजे ने दूरभाष पर सीकर तथा नागौर जिले के सत्ताधारी दल के एक-एक जाट विधायक को फोन करके इस राजनीतिक घटनाक्रम में सचिन पायलट से दूरी बनाकर अशोक गहलोत का साथ देने की बात कही है और वो विधायक मध्य रास्ते से वापस आ गए। वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत एक दूसरे के भष्ट्राचार पर पर्दा डाल रहे हैं। अशोक गहलोत तथा वसुंधरा राजे एक ही है। उनके बीच सत्ता को लेकर गठजोड़ है। प्रदेश व देश की जनता वसुंधरा-गहलोत के आंतरिक गठजोड़ की कहानी को समझ चुकी है।
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