मंत्री शांति धारीवाल द्वारा सुनवाई नहीं करने पर भड़के पार्षद, पालिकाध्यक्ष की जांच टालने के आरोप
जयपुर, 27 जुलाई। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में आज उस वक्त हंगामा हो गया। जब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा से आए पार्षदों की सुनवाई नहीं की। शाहपुरा पालिकाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप की बात कहते हुए पार्षदों ने जब मंत्री धारीवाल से मुलाकात करनी चाही तो धारीवाल ने उनकी बात नहीं सुनी। इससे पार्षद भड़क गए। पार्षदों का कहना है कि धारीवाल पिछले एक साल से हमारी सुनवाई नहीं कर रहे। पालिकाध्यक्ष की जांच एसीबी में चल रही है और डीएलबी मंत्री धारीवाल के कहने पर भाजपा के चेयरमैन के खिलाफ जांच को अटका कर रखा गया है। धारीवाल ने स्पष्ट कह दिया कि तबादला नहीं होगा। क्योंकि तबादलों पर बैन लग चुका है। जनसुनवाई में मौजूद उद्योग मंत्री के दखल के बावजूद मामला शांत नहीं हुआ।
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बात नहीं सुनने से नाराज हुए पार्षद
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में चल रही जनसुनवाई में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने पार्षदों से बात नहीं की तो वह नाराज हो गए। हंगामा बढ़ते देख जनसुनवाई करने पहुंची मंत्री शकुंतला रावत ने मामला संभाल और पार्षदों के साथ अलग से बैठी। उन्होंने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जो जांच चल रही है। उसे दिखा लिया जाएगा। अगर कोई दोषी पाया जाता तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मंत्री शकुंतला रावत ने पार्षदों के मंत्री धारीवाल से नाराज होने के मामले में कहा कि परिवार बड़ा होता है। डिमांड भी आपस में ही होती है और मंत्री इनके हैं यह मंत्री के हैं ऐसे में इनका मंत्री पर अधिकार है।
पालिका ईओ का ट्रांसफर चाहते थे पार्षद
शाहपुरा पालिका के पार्षद पालिका अध्यक्ष के साथ ईओ से भी नाराज थे। मंत्री शांति धारीवाल ने न तो पार्षदों की बात सुनी और जाते-जाते उन्होंने यह भी कह दिया कि आरोप तो कोई भी कुछ भी लगा सकता है। पार्षद चाहते थे कि ईओ का ट्रांसफर कर दिया जाए। जबकि ट्रांसफर पर 15 तारीख को ही बैन लग चुका है।