Rajasthan में जी-20 की बैठक में आर्थिक चुनौतियों को वैश्विक मंच पर लाने पर जोर, जानिए क्या रहा बैठक में

Rajasthan में जी-20 के शेरपा की पहली बैठक में दूसरे दिन भारत में स्थाई विकास और जलवायु वित्त से समन्वय पर जोर दिया गया। इसके साथ ही भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह उभरती अर्थव्यवस्थाओं की चुनौतियों और दक्षिणी गोलार्ध के मुद्दों को विश्व मंच पर लाएगा। बैठक में डिजिटल अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी परिवर्तन, स्वास्थ्य और शिक्षा हरित विकास और भारत की पर्यावरण के लिए जीवन शैली पहल पर केंद्रित रही। भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने विश्व चुनौतियों से निपटने के लिए उम्मीद, सौहार्द और मरहम लगाने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया। जिसमें विकासशील देशों और वैश्विक दक्षिण के देशों पर ध्यान हो। जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी रह जाती है।

जी-20 के लोगों का कमल ग्रोथ और जीवन का प्रतीक
बैठक में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 का मुख्य उद्देश्य अनेकता में एकता है। उसमें कमल के फूल का चिन्ह चुनौतियों के सामने हमारी ग्रोथ और जीवन को दर्शाता है। हमारा मकसद एक दूसरे को मिलकर सहयोग करना और चुनौतियों से जीतना है।

दुनिया को आगे ले जाने का भारत के पास है बड़ा अवसर
शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 दुनिया के बड़े भाग का प्रतिनिधित्व करता है और दुनिया की 85 फीसदी जीडीपी 78 फीसदी ग्लोबल ट्रेड और 90 फीसदी पेटेंट इन्हीं देशों के पास है। उन्होंने दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा आज भारत के पास विश्व को आगे लेकर जाने का एक बड़ा अवसर है। हम विश्व को आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का तरीका बताएंगे।

अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में भारत का होगा प्रभाव
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने यूक्रेन में चल रही युद्ध को लेकर नई दिल्ली को भारत की स्थिति स्पष्ट करने का श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के दौरे का मतलब दुनिया के छठे हिस्से के दौरे से है। इसमें कोई संदेह नहीं कि 21वीं सदी में और इंडो पैसिफिक में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भारत का निर्णायक प्रभाव होगा।