विद्युत संबंधी शिकायतों का निस्तारण तीस दिन में करना होगा, विशेष समितियों का गठन
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद ऊर्जा महकमा और बिजली कंपनियां शिकायतों के निपटारे में तेजी ला रही हैं। जयपुर डिस्कॉम ने भी वीसीआर राशि के विवादों के निस्तारण के लिए समितियों का गठन किया है। अब उपभोक्ता और गैर-उपभोक्ता 30 दिन में सिविल लाइबिलिटी की 10 प्रतिशत राशि जमा करवाकर समिति के समक्ष अपील दायर कर सकते है।
दरअसल, विद्युत चोरी पर प्रभावी अकुंश लगाने के लिए समितियों का गठन किया गया है। सर्तकता जांच में पारदर्शिता एवं सर्तकता जांच प्रतिवेदन के दुरूपयोग को रोकने के लिए राजस्थान राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है। इस संबंध में पूर्व में जारी सभी आदेशों और निर्देशों के तहत विस्तृत आदेश जयपुर डिस्कॉम प्रबंधन ने जारी किया है। ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में वीसीआर की शिकायतों पर कार्रवाई एवं सर्तकता जांच प्रकरणों के निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
पेट्रोल की कीमत में लगी आग, राजस्थान में कीमत 100 रुपये के पार, जानिए अपने शहर का रेट
इसके तहत विद्युत चोरी करने वाले उपभोक्ता को दिये गये नोटिस में विद्युत चोरी या सिविल लाइबिलिटी की राशि से उपभोक्ता सहमत नही होता है या अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहता है तो इसके लिए राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियों का गठन किया गया है। ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने बताया कि ऐसे उपभोक्ता अथवा गैर उपभोक्ता जो विद्युत चोरी के मामलों में किये गये राजस्व निर्धारण की राशि से सहमत नहीं है तो वे नोटिस जारी होने के 30 दिन के अन्दर राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति के अध्यक्ष के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।
इसके लिए उनको संबंधित सहायक अभियन्ता कार्यालय में सिविल लाइबिलिटी राशि का 10 प्रतिशत अथवा 5 लाख रूपये, जो भी कम हो जमा करवाकर आवेदन करना होगा। राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में आवेदन करने के अधिकतम सात दिन में सहायक अभियन्ता पूर्ण प्रकरण मय विवरण को संबंधित समिति में भेजेंगे। समिति को आवेदन मिलने के 30 दिवस के भीतर उस प्रकरण का निस्तारण करना आवश्यक होगा।
यह समितियां हुई गठित
वृत स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में 5 लाख रूपये तक सिविल लाइबिलिटी के प्रकरणों की सुनवाई होगी। संभाग स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में सिविल लाइबिलिटी के 5 लाख रुपए से अधिक एवं 20 लाख रुपए तक के प्रकरणों की सुनवाई होगी। निगम स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में सिविल लाइबिलिटी के 20 लाख रुपए से अधिक राशि के प्रकरणों की सुनवाई होगी।