Dinesh MN : वो IPS जो खुद 7 साल रहा सलाखों के पीछे, अब 6 माह में ही घूसखोर अफसरों से भर दी जेल
जयपुर, 22 जून। राजस्थान में दिनेश एमएन का नाम ही काफी है। हर कोई जानता है कि राजस्थान पुलिस में दिनेश एमएन का मतलब काबिल आईपीएस, रियल लाइफ सिंघम और ईमानदार पुलिस अफसर है। एक वक्त था जब खुद आईपीएस दिनेश एमएन सात साल तक सलाखों के पीछे रहे। बाहर आने के बाद इन्होंने राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कमान संभाली और घूसखोरों अफसरों से जेल भर दी।
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IPS दिनेश एमएन का साक्षात्कार
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में आईपीएस दिनेश एमएन ने बताया कि देश में यह पहली बार है कि महज छह माह में ही सरकार की किसी स्टेट एजेंसी ने रिश्वतखोर एक आईएएस, एक आईपीएस, सात आरएएस व तीन आरपीएस को जेल पहुंचाया है। कलेक्टर-एसपी और कई आरएएस अधिकारी तो अभी भी सलाखों के पीछे ही हैं।
राजस्थान एसीबी हेल्पलाइन नंबर 1064
दिनेश एमएन कहते हैं कि यूं तो रिश्वत लेने व देने वालों के खिलाफ राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है, मगर महानिदेशक बीएल सोनी के निर्देशन में हमारी टीमें हर शिकायत को गंभीरता से ले रही है। कोई हमें एसीबी की हेल्पलाइन 1064 नंबर व वाट्सएप 9413502834 पर कॉल करके भी शिकायत कर सकता है।
छह माह में ये 12 बड़े अधिकारी पकड़े
1. आईएएस इंद्रसिंह राव, बारां कलेक्टर (inder singh rao ias )
11 दिसम्बर 2020 को राजस्थान के बारां जिला कलेक्टर आईएएस इंद्र सिंह राव के निजी सचिव महावीर को एक लाख 40 हजार रुपए की घूस के मामले में पकड़ा था। फिर आईएएस इंद्र सिंह राव को कोटा सेंट्रल जेल पहुंचाया गया।
यह भी पढ़ें - इंद्रसिंह राव IAS : राजस्थान के वो पहले जिला कलेक्टर जो घूसकांड में हुए APO, जानिए इनकी पूरी कुंडली2. आईपीएस मनीष अग्रवाल, एसपी दौसा ( manish agarwal ips )
राजस्थान के दौसा से गुजर रहे मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली कंपनी से दस लाख रुपए की रिश्वत के मामले में दलाल गोपाल सिंह व दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया।
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3. डीएसपी भैरूंलाल मीणा, एसीबी सवाई माधोपुर
एसीबी ने 11 दिसम्बर 2020 को भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो की सवाई माधोपुर चौकी पर पोस्टेड डीएसपी भैरूंलाल मीणा को 80 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ा। यह कार्रवाई एंटी करप्शन डे वाले दिन हुई थी। सुबह डीएसपी ने घूस नहीं लेने को भाषण दिया। फिर खुद ही पकड़े गए। यह रकम मासिक बंधी के रूप में देने वाले डीटीओ को भी दबोचा गया।
4. सपात खान, डीएसपी अलवर ग्रामीण
एसीबी ने आठ जनवरी 2021 को सपात खान डीएसपी अलवर ग्रामीण व कांस्टेबल असलम खान को तीन लाख की रिश्वत लेते पकड़ा। इन्होंने एक परिवादी से उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मुकदमों में मदद के नाम से यह घूस ली थी।
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5. कैलाश चंद बोहरा, आरपीएस जयपुर
आरपीएस कैलाश चंद बोहरा ने रिश्वत में दुष्कर्म पीड़िता से मामले में मदद के नाम पर उसकी अस्मत ही मांग ली। मार्च 2020 में आरपीएस कैलाश चंद बोहरा जयपुर कमिश्नरेट में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात एसीपी पर तैनात था। उसने पीड़िता को मिलने अपने कार्यालय में बुलाया था। तभी एसीबी ने इसे पकड़ लिया था।
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6. दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल व बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा
दौसा रिश्वतकांड 2021 सबसे चर्चित मामलों में से एक है। 14 जनवरी को दौसा एसडीएम पुष्कर कुमार मित्तल और बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली कंपनी से पांच लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में पकड़कर जेल भिजवाया। आरएएस पिंकी मीणा ने तो फिर 16 फरवरी को जेल से जमानत पर आकर शादी भी रचाई थी।
7. आरएएस सुनील कुमार, एसडीएम गुढ़ामालानी बाड़मेर
छह फरवरी 2021 को बाड़मेर जिले के गुढ़ामालानी के एसडीएम सुनील कुमार व उनके चालक दुर्गाराम को दस हजार की रिश्वत के ममाले पकड़कर जेल भिजवाया। सुनील कुमार 2019 में ही पदोन्नत होकर आरएएस अधिकारी बना था।
8. वीरेंद्र कुमार आरएएस अधिकारी
आठ मार्च 2021 को वीरेंद्र कुमार आरएएस अधिकारी जेसीटीएसएल जयपुर, नरेश सिंघल पारस ट्रेवल्स एवं महेश कुमार गोयल लेखाधिकारी को ट्रेंडर प्रक्रिया में पारस ट्रेवल्स दिल्ली को अनुचित लाभ देने की एवज में चार लाख की घूस लेते हुए एसीबी ने अरेस्ट किया था।
9. आरएएस बीएल मेहरड़ा, आरएएस सुनील कुमार शर्मा
11 अप्रैल 2021 को अजमेर रेवेन्यू बोर्ड के दो सदस्य आरएएस अधिकारी बीएल मेहरड़ा और सुनील कुमार शर्मा को हर मुकदमे में घूस लेने के आरोप में दबोचा था।
10. आरएएस सुनील झिंगानिया लसाड़िया उदयपुर
14 जून को उदयपुर जिले के लसाड़िया उपखंड अधिकारी आरएएस सुनील झिंगोनिया को एक माइंस मालिक से मासिक पचास हजार रुपये मांगने के मामले में पकड़ा था।
कौन हैं आईपीएस दिनेश एमएन
दिनेश एमएन मूलरूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। दिनेश का जन्म छह सितम्बर 1971 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले की चिंतामणी तहसील के गांव मुनागनाहल्ली में हुआ। दिनेश एमएन के नाम में एम का मतलब उनके गांव मुनागनाहल्ली और एन मतलब उनके पिता का नाम नारायण स्वामी है। साल 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन वर्तमान में राजस्थान एसीबी में एडीजी पद पर सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीई की डिग्री प्राप्त कर रखी है।
आईपीएस दिनेश एमएन का सर्विस रिकॉर्ड
आईपीएस
बनने
के
बाद
दिनेश
एमएन
ने
साल
1999
में
दौसा
एएसपी
के
रूप
में
राजस्थान
पुलिस
में
सर्विस
शुरू
की।
फिर
करौली,
झुंझुनूं,
सवाईमाधोपुर,
अलवर
और
उदयपुर
में
एसपी
रहे।
साल
2005
में
उदयपुर
एसपी
थे
तब
राजस्थान
और
गुजरात
पुलिस
के
ज्वाइंट
ऑपरेशन
में
हिट्रीशीटर
सोहराबुद्दीन
शेख
का
एनकाउंटर
किया
गया।
इसी
केस
में
दिनेश
एमएन
सात
साल
जेल
में
रहे।
2017
इस
मामले
में
दिनेश
एमएन
बरी
हो
गए।
जेल
से
रिहा
होने
के
बाद
पहली
बार
उदयपुर
पहुंचे
तब
इनके
स्वागत
में
लोगों
ने
पलक
पांवड़े
बिछा
दिए
थे।
जेल से छूटकर एसीबी में आते ही किया 'धमाका'
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर के बाद आईपीएस दिनेश एमएन सस्पेंड हुए और जेल चले गए। सात साल बाद साल 2014 में जेल से बाहर आए। कुछ समय बाद इन्हें राजस्थान एसीबी में आईजी बनाया गया और एसीबी में आते ही दिनेश एमएन ने धमाका कर दिया। खान विभाग के सचिव आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को ढाई करोड़ की रिश्वत के मामले में पकड़ा। यह राजस्थान एसीबी के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक थी।
आनंदपाल एनकाउंटर करने वाली टीम को लीड किया
राजस्थान में सचिव स्तर के अधिकारी को करोड़ों की रिश्वत लेते पकड़ने के बाद चार जुलाई 2016 को दिनेश एमएन को राजस्थान एसओजी में आईजी बनाया गया। एसओजी आईजी रहते हुए एमएन दिनेश ने वो कर दिखाया जो पांच राज्यों की पुलिस मिलकर भी नहीं कर पा रही थी। 24 जून 2017 को राजस्थान के चूरू जिले के गांव मालासर में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर आईपीएस दिनेश एमएन की देखरेख में ही हुआ। शातिर बदमाश आनंदपाल तीन सितंबर 2015 को पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीली मिठाई खिलाकर फरार हो गया था।