करोड़पति कंपाउंडर: 28 साल की नौकरी में यूं बनाई 14 करोड़ की संपत्ति, वेतन मिला सिर्फ 44 लाख रुपए
जयपुर। राजस्थान का एक रिश्वतखोर कंपाउंडर करोड़पति निकला है। इसके पास अथाह सम्पत्ति मिली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपाउंडर की 4.75 करोड़ की सम्पत्ति अटैच की है। यह खुलासा राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई के बाद हुआ है।
दरअलस, एसीबी ने 29 अगस्त 2013 को कंपाउंडर महेश चन्द्र को राजेन्द्र प्रसाद सैनी से आरएजी अस्पताल के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसीबी ने कंपाउंडर महेश चन्द्र के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया था।
उस दौरान एसीबी की ओर से पेश 3900 से ज्यादा पेज के चालान में बताया कि 28 साल की नौकरी में शर्मा ने 44 लाख का वेतन पाया और 14 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जमा कर ली। एसीबी के अनुसार यह तमाम संपत्ति अर्जित आय से 372.18 फीसदी ज्यादा है।
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इसके बाद ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू की और शर्मा की सांगानेर और दूदू में 1.69 करोड़ (3 बीघा) की एग्रीकल्चर लैंड और जयपुर के विभिन्न लोकेशंस पर 10 प्लॉट और फ्लैट्स अटैच की है। अब ईडी पीएमएलए एक्ट के तहत शर्मा के खिलाफ जांच शुरू करेगा।
यह
भी
हैं
आरोप
राज्यभर
में
नर्सिंग
कॉलेज
खुलवाने
के
लिए
मोटी
वसूली
की
जाती
थी,
यहीं
नहीं
वसूली
के
लिए
कॉलेजों
में
बेवजह
निरीक्षण
और
सम्बद्धता
खत्म
करने
की
धमकी
दी
जाती
थी।
इस
मामले
में
वह
दिल्ली
आईएनसी
तक
अपनी
रिपोर्ट
भेजता
था।
मामला
सामने
आने
के
बाद
से
मेडिकल
काउन्सिल
में
हड़कंप
की
स्थिति
बन
गई
थी।
यह था कंपाउंडर महेश चन्द्र शर्मा का कार्यकाल
एसीबी ने चार्जशीट में बताया कि आरोपित का सरकारी सेवाकाल 20 जनवरी 1985 से 29 जून 2013 तक रहा है। इस दौरान इनका वेतन 44 लाख रुपए होता है, जबकि जांच में 14 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पाई गई। जांच में 13 करोड़ 44 लाख 93 लाख से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति मिली थी। जबकि आरोपित की कुल वैध आय करीब 2 करोड़ 84 लाख होनी चाहिए।