नए कृषि कानूनों को केंद्र द्वारा वापस लिए जाने तक कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी-सीएम अशोक गहलोत
जयपुर। देश में कृषि कानूनों का विरोध जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर किसान का आंदोलन चल रहा है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को केंद्र द्वारा वापस लिए जाने तक कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी, क्योंकि पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि आंदोलनरत किसानों के साथ एकता से खड़ा होना है, जो इन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस संघर्ष के हर कदम पर किसानों के साथ है और हम राजग (सरकार) द्वारा इन कानूनों को वापस लिए जाने तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस किसानों के अधिकारों के लिए लड़ रही है और आज हमें किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है, ताकि राजग सरकार को तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य किया जा सके। वहीं, कृषि अधिकार दिवस के मौके पर कांग्रेस ने यहां राजभवन का सांकेतिक घेराव किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जयपुर के सिविल लाईंस फाटक पर धरना दिया। धरने में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी सहित राज्य सरकार के कई मंत्री व पार्टी के विधायक शामिल हुए।
राजस्थान विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि धरने के बाद कार्यकर्ताओं ने राजभवन का घेराव करने के लिये जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। डोटासरा ने कहा कि केंद्र में 2014 में जब राजग सरकार सत्ता में आई, तो उसने कई वादे किए गए थे, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि केंद्र की राजग सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, मुद्रास् फीति कम करने, महिला सुरक्षा जैसी अनेक बातें कर सत्ता में आई थी, लेकिन वह किसी भी वादे पर खरा नहीं उतरी। उन्होंने कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी 'मन की बात' सुनने के लिए वोट नहीं दिया, बल्कि इसलिए वोट दिया कि वह किसानों, गरीबों व युवाओं की बात सुनें, लेकिन केंद्र सरकार किसी की बात नहीं सुन रही।
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पायलट ने कहा कि राजस्थान में पूरी कांग्रेस एकजुट है और हम लोगों ने संकल्प लिया है कि आज देशभर में हर राजभवन को हम अपना ज्ञापन देंगे और वहां घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि हम (कांग्रेस के) लोग किसानों के साथ खडे हैं। इन कानूनों से देश का किसान और उसका परिवार बर्बाद हो जाएगा। यह जग जाहिर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए।