'बस राजनीति' पर जारी है घमासान, अब सचिन पायलट ने बीजेपी के खिलाफ की आरोपों की बौछार
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को लॉकडाउन के बीच एक अहम संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इस प्रेसवार्ता में प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, एआईसीसी के सचिव जुबेर खान और धीरज गुर्जर मौजूद रहे।मीडिया से वार्ता के दौरान डिप्टी सीएम पायलट ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र के पास मजदूरों के लिए कोई नीति नहीं है। बच्चे, महिला और बुजर्ग लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देश में लॉकडाउन में लाखों श्रमिक पैदल चलने को मजबूर हैं। जब केंद्र सरकार से मदद नहीं आई।
तब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों का किराया वहन करने का फैसला लिया। पायलट ने कहा कि जब प्रियंका गांधी ने मदद की पेशकश की और 1 हजार बसों का प्रबंध किया तो यूपी सरकार ने बसों को परमिशन नहीं दी। अंत में कांग्रेस नेताओं पर केस दर्ज हुए। नेताओं की गिरफ्तारी हुई। पायलट ने कहा कि हम लोगों ने संकट के समय सोनिया गांधी की पहल पर मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था की, लेकिन यूपी सरकार ने बस चलाने पर बाधा खड़ी की। यूपी सरकार का यह रवैया पूरे देश ने देखा है। हमने मानवता से बसों की व्यवस्था की थी। इस समय में बड़ा मन रखकर काम करना होगा, लेकिन यूपी सरकार और केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही हैं।
राजस्थान के बीकानेर का यह लड़का करना चाहता है डोनाल्ड ट्रंप की बेटी से शादी, ट्विटर पर भेजा रिश्ता
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि मजदूरों की मदद के लिए 1032 बसें पहुंचती है। सीएम योगी ने खुद अनुमति की बात कही थी, लेकिन इसके बावजूद इस पर सियासत की गई। फिटनेस के नाम पर बसों को नहीं रोकेंगे। राजनीति के चलते बसों को रोका गया जो कि मजदूरों पर अन्याय के समान है। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव जुबेर ख़ान ने कहा प्रियंका गांधी को प्रवासी श्रमिकों की चिंता है। इसके चलते ही यूपी सरकार को 1051 बसों की सूची दी गई, लेकिन 1032 बसें उनके ऑनलाइन रिकॉर्ड में दिखाई गई।