BSF कांस्टेबल राजपूत दूल्हे ने दहेज में 11 लाख लेने से इनकार कर दुल्हन के बारे में कही यह बात
जयपुर। राजस्थान में एक फिर एक राजपूत दूल्हे ने मिसाल पेश की है। इस बार सामाजिक कुरीति दहेज के खिलाफ यह जंग बीएसएफ कांस्टेबल दूल्हे ने लड़की है। इस कांस्टेबल राजपूत दूल्हे ने 11 लाख रुपए के दहेज से भरा थाल लौटा दिया। दूल्हे ने शगुन के तौर पर महज 11 रुपए लेकर शादी की।
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छत्तीसगढ़ में तैनात है दूल्हा जितेंद्र सिंह
जानकारी के अनुसार BSF में कांस्टेबल के पद पर छत्तीसगढ़ में तैनात जितेंद्र सिंह शनिवार को बारात लेकर जयपुर के अंबावाड़ी पहुंचे थे। यहां पर जितेन्द्र की शादी गोविन्द सिंह शेखावत की बेटी चचंल से होनी थी। शादी में उस समय तक सब कुछ सामान्य था जब तक दुल्हन पक्ष ने बतौर दहेज 11 लाख रुपए से भरा थाल दूल्हे जितेन्द्र के हाथ में नहीं थमाया था। जितेन्द्र दहेज लेने की बजाय ससुर के सामने हाथ जोड़ लिए।
11 रुपए व नारियल लिया शगुन में
इस दौरान वर-वधू दोनों के कई लोग हैरान रह गए। हर किसी को लगा कि दूल्हा सरकारी नौकरी लगा हुआ है और दहेज में कम राशि नहीं ले रहा होगा। या फिर बारात के स्वागत सत्कार में कमी रह गई होगी जिसकी वजह से दूल्हा नाराजगी जता रहा हो। ससुर के सामने हाथ जोड़े बैठे दूल्हे जितेन्द्र ने जब दहेज के खिलाफ होने की बात बताते हुए रुपयों से भरा थाल लौटा दिया तो सबके माजरा समझ आया। काफी समझाइश के बाद जितेन्द्र ने शगुन के तौर पर 11 रुपए और नारियल लेकर शादी की शेष रस्में पूरी की।
पत्नी कर रही न्यायिक सेवा की तैयारी
जितेन्द्र ने बताया कि उसे जब पता चला कि उसकी होने वाली पत्नी ने एलएलबी कर रखी है और पीएचडी कर रही है। मैंने उसी समय तय कर लिया था कि शादी में दहेज नहीं लूंगा। शादी के मौके पर दहेज लेने से मना करके जितेन्द्र ने कहा कि दुल्हन चंचल जज बनने की तैयारी कर रही है। वो जज बनकर लोगों का इंसाफ करेगी तो वो हमारे दहेज के पैसे से भी बढ़कर होगा।
सिरोही में राजपूत दूल्हे ने लौटाया था 31 लाख का दहेज
सिरोही जिले के गांव आमथला के देवड़ा परिवार के हनुमंत सिंह के बेटे बलवीर सिंह की सगाई जैसलमेर के फलसुंड पोकरण के जोधाणा परिवार के मोहन सिंह जोधा की बेटी से तय हुई। रविवार को दुल्हन पक्ष टीका लेकर आया था। तब दुल्हन के पिता ने दूल्हे बलवीर सिंह व उसके पिता हनुमंत सिंह को बतौर शगुन 31 लाख रुपए से भरा थाल दिया। इस पर दूल्हे व उसके पिता ने दुल्हन के पिता के सामने हाथ जोड़ लिए। एक बारगी तो सबको लगा कि शायद दहेज की कम राशि होने के कारण हाथ जोड़े हैं, मगर फिर पता चला कि दूल्हे व उसके परिवार ने दहेज के 31 लाख रुपए लेने से इनकार कर दिया।