शराब माफिया का विरोध करना बाबा को पड़ा भारी, माफियाओं ने तोड़ दिए हाथ पैर, आत्मदाह की चेतावनी
जयपुर, 28 जुलाई। राजस्थान के भरतपुर जिले के वैर क्षेत्र के धरसौनी गांव में एक साधु को अवैध शराब की बिक्री का विरोध करना भारी पड़ गया। शराब माफियाओं ने साधु के हाथ पैर तोड़ दिए। साधु को गंभीर हालत में भरतपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती बाबा राजेंद्र ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी भी है। राजेंद्र ने कहा कि गांव में अवैध शराब की बिक्री बंद नहीं हुई और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो मजबूरन बाबा विजय दास की तरह उन्हें आत्मदाह करना पड़ेगा। जिले के वैर क्षेत्र के धरसौनी गांव में स्थित बाबा बालक नाथ की बगीची पर बाबा राजेंद्र 4 साल से रह रहे हैं। राजेंद्र ने बताया कि गांव में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। गांव के ही बृज किशोर दामोडा पहलवान अवैध शराब की बिक्री में लिप्त है। पिछले काफी दिनों से गांव में अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। बाबा राजेंद्र दास गांव में अवैध शराब की बिक्री का विरोध कर रहे है। शराब माफियाओं को गांव में अवैध शराब की बिक्री नहीं करने के लिए कई बार मना भी किया।
सत्संग में जा रहे साधु पर किया हमला
बाबा राजेंद्र 23 जुलाई को कुछ श्रद्धालुओं के साथ बाइक से नियामतपुर सत्संग में भाग लेने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में ओमवीर, गजेंद्र और बृजकिशोर दामोडा पहलवान आदि ने बाबा को रास्ते में रोककर उन पर हमला कर दिया। आरोपियों ने बाबा से लाठी और लोहे के सरियों से मारपीट की आरोपियों ने बाबा राजेंद्र का पैर तोड़ दिया और गंभीर हालत में छोड़ कर भाग गए। घायल बाबा को आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद पुलिस आरबीएम जिला अस्पताल पहुंची। बाबा का आरोप है कि पुलिस ने उनका सही बयान दर्ज नहीं किया है। अब बाबा राजेंद्र ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो बाबा विजय दास की तरह वह भी आत्मदाह कर लेंगे।