गरीब नवाज़ के दर पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति, खड़ा हुआ बखेड़ा
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल मोहम्मद हामिद ने कतई सोचा होगा कि उनके अजमेर में गरीब नवाज की दरगाह पर जाने के कारण तगड़ा विवाद खड़ा हो जाएगा। बताते चले कि वर्ष 2012 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा दी गई राशि के बटवारें को लेकर दरगाह के विभिन्न दावेदारों के बीच विवाद हुआ था जो कि बाद में सुलझ गया था।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल मोहम्मद हामिद ने दरगाह में कड़ी सुरक्षा के बीच जियारत की और चादर चढ़ाई। दरअसल विवाद नजराने के लिफाफे को लेकर दरगाह के बाहर खादिमों और दरगाह कमेटी के बीच पैदा हो गया है। दरगाह में जियारत करने के बाद राष्ट्रपति की ओर से दरगाह कमेटी के अध्यक्ष असरार अहमद खान को नजराने का लिफाफा दिया जिस पर खादिमों ने अपना हक जताते हुए खान से उस नजराने के लिफाफे की मांग की और उन्हें दरगाह की सीढियों पर घेर लिया।
विकास के लिए नजराना
विवाद की स्थिति और खादिमों तथा खादिमों की कमेटी के सचिव वाहिद अंगार शाह की मांग पर दरगाह कमेटी अध्यक्ष असरार अहमद खान ने नजराने का बंद लिफाफा अंजुमन सचिव को सौंप दिया। असरार अहमद खान के अनुसार यह नजराना बांग्लादेश के राष्ट्रपति की ओर से दरगाह के विकास के लिए दरगाह कमेटी को दिया गया था, वहीं खादिमों का कहना है कि नजराने पर हक केवल खादिमों का है और दरगाह कमेटी का इससे कोई लेना देना नहीं होता।
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष असरार अहमद खान ने बताया कि बांग्लादेशी दल के रवाना होने से पहले दल के एक सदस्य ने उन्हें अतिरिक्त जिला कलेक्टर के माध्यम से नजराने का लिफाफा सौंपा । वहीं नजदीक में खड़े खादिमों और अंजुमन के पदाधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए उनसे नजराने का लिफाफा खादिमों को सौंपने की मांग की। यह लिफाफा दरगाह कमेटी के लिए था, इसलिए दरगाह के अध्यक्ष होने के नाते यह उन्हें दिया गया था, लेकिन उनकी मांग को देखते हुए यह लिफाफा खादिमों को सौंपना पड़ा।
जानकारों ने बताया कि जिस वक्त बांग्लादेश के राष्ट्रपति का दल वापस लौट रहा था तब दरगाह के बाहर सीढियों पर दरगाह कमेटी के अध्यक्ष से खादिमों ने उस लिफाफे की मांग की जिस पर दरगाह कमेटी के अध्यक्ष ने लिफाफा उन्हें सौंप दिया और लिफाफा अब उन्हीं के पास है। इस दौरान थोड़ा बहुत शोरगुल हुआ।
खैर, आज सुबह वन इँडिया ने बांग्लादेश हाई कमीशन में इस मसले पर बात करनी चाही तो वहां से किसी भी अधिकारी ने इस मसले पर बात करने से मना कर दिया। सबने कहा कि वे राष्ट्रपति के दौरे के चलते बहुत बिजी हैं।